भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (23 मई, 2017) उटकमंड, नीलगिरि में लॉरेंस स्कूल के 159वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर,राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल जानकारी प्रदान करना नहीं है, बल्कि स्कूलों द्वारा प्रदान किए गए मूल्यों को विद्यार्थियों के व्यक्तित्व में समाहित करना होगा ताकि वे हमारे महान राष्ट्र के योग्य नागरिक बन जाएं। हम बिना आत्माओं वाले ज्ञानी रोबोट नहीं बनना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि मनुष्य समाज की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हों। उन्होंने कहा कि स्कूलों के मुस्कुराते हुए और विश्वास से भरे हुए चेहरे उनमें यह भरोसा पैदा कर देते हैं कि हमारे देश का भविष्य हमारे उन बच्चों के हाथों में सुरक्षित है जिनमें सभी कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि लॉरेंस स्कूल हमारे देश का एक उत्कृष्ट आवासीय पब्लिक स्कूल है। मुझे भारत में अनाथ और यूरोपीय सैनिकों के बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए इसे 1858 में स्थापित किया गया था। वर्षों के दौरान स्कूल ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने स्कूल के प्रबंधन,कर्मचारियों और विद्यार्थियों को उनके भावी प्रयासों के सफल होने के लिए शुभकामनाएं दीं।
यह विज्ञप्ति 1630बजे जारी की गई।