भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (25 जनवरी, 2014) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि बढ़ती हुई भागीदारी के माध्यम से भारत में निर्वाचन प्रक्रिया और लोकतंत्र सुदृढ़ता और जीवंतता के साथ विकसित होता जाएगा। निर्वाचन प्रक्रिया में लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी स्वस्थ लोकतंत्र की कुंजी हैं। उन्होंने सभी पात्र नागरिकों से मतदाताओं के रूप में पंजीकरण करवाने और प्रत्येक चुनाव में गर्व के साथ मतदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह नागरिकों का मौलिक अधिकार है और उन्हें इसका प्रयोग करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे प्रतिनिधि निकाय लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को साकार करते हैं और साथ ही उनकी शिकायतों को स्वर देने के मंच के रूप में भी कार्य करते हैं। लोग, विकास और सामाजिक उन्नति के अपने साझे कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए इन्हीं निकायों पर विश्वास करते हैं। यद्यपि जन-आवश्यकताओं के प्रति उनकी सक्रियता का मूल्यांकन लोगों द्वारा निरंतर किया जाता रहता है परंतु चुनावों के जरिए उनसे हिसाब मांगा जाता है। उन्होंने कहा कि मुक्त, निष्पक्ष और सहभागितापूर्ण चुनावों के द्वारा ही हमारा लोकतंत्र अनेक प्रकार से विश्व का सबसे जीवंत बन गया है।
यह विज्ञप्ति 1905 बजे जारी की गई।