भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (25 जनवरी, 2017) नई दिल्ली में 7वें राष्ट्रीय मतदाता समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि राजनीतिक दायरे में लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के चुनाव एक साथ कराने की बात चलती रही है। यदि चुनाव आयोग पहल करे और राजनीतिक दल एकमत हो जाएं तो संशोधन संभव है। उन्होंने कहा कि ऐसा कदम व्यय और व्यवस्था में असुविधा को कम कर सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि चुनाव आयोग को बेहिचक समर्थन की आवश्यकता है क्योंकि वह युवा लोगों को उनके मौलिक गणतांत्रिक मतदान अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। यह अनिवार्य है कि चुनाव आयोग स्वतंत्र और सक्षम संस्था हो। वर्षों से, भारत के चुनाव आयोग ने ऐसा होने का प्रमाण दिया है और उसकी पूरे विश्व में सराहना की गई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वे इस बात से विश्वस्त हैं कि चुनाव आयोग मौजूदा मानकों को कायम रख सकता है और इसमें निरंतर सुधार और विकास हो रहा है। चुनाव आयोग ने एक भारतीय लोकतंत्र के सुदृढ़ आधार में अद्वितीय योगदान दिया है। हमें इस बात पर वास्तव में गौरव प्राप्त है कि हम विश्व में सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
डॉ. नज़ीम ज़ायदी, भारत के चुनाव आयुक्त ने इस अवसर पर राष्ट्रपति को काफी टेबल बुक ‘अनफोल्डिंग इंडियन इलेक्शन्स—जर्नी ऑफ द लिविंग डेमोक्रेसी’ भेंट की। राष्ट्रपति ने भी नए पंजीकृत युवा मतदाताओं के चयन के लिए चुनाव फोटो पहचान पत्र प्रदान किए।
यह विज्ञप्ति 1615 बजे जारी की गई