कनाडा के महामहिम सम्माननीय गवर्नर जनरल डेविड जोंस्टन और श्रीमती शेरोन जोंस्टन ने कल (24 फरवरी 2014) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की। राष्ट्रपति जी ने मुलाकात के बाद उनके सम्मान में राज-भोज का भी आयोजन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि कनाडा भारत के विकास के शुरुआती दौर में साझीदार रहा है। पंडित नेहरू की कनाडा के प्रधानमंत्री लेस्टर पियर्सन के साथ व्यक्तिगत मैत्री थी। झारखंड के दुमका जिले में मयूराक्षी नदी पर बना और 1956 में शुरू हुआ मेसनजोर बांध कनाडा की सहायता से बनाया गया था। यह कनाडा बांध या पियर्सन बांध के नाम से लोकप्रिय है तथा भारत के विकास में कनाडा के योगदान का एक सर्वोत्तम उदाहरण है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, कनाडा से विशेषकर आधारभूत ढांचे, खनन आदि क्षेत्रों में, जिसमें कनाडा के पास सुविकसित तकनीकी विशेषज्ञता है, निवेश और प्रौद्योगिक जानकारी प्राप्त करने का इच्छुक है। भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की दिलचस्पी कनाडा के तेल और प्राकृतिक गैस के अवसरों तथा ऊर्जा परिसंपत्तियों में हिस्सेदारी खरीदने की है।
अपने राजभोज अभिभाषण में, राष्ट्रपति ने कहा कि कनाडा के गवर्नर जनरल की राजकीय यात्रा, जो पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय के बाद इस प्रकार की कोई द्विपक्षीय मुलाकात है, एक अत्यंत महत्वपूर्ण समय पर हो रही है। यह एक ऐसा क्षण है जब हम दोनों देशों की सरकारों ने आपसी सद्भाव बढ़ाने तथा हमारे राष्ट्रों के बीच मौजूद अनुपूरकताओं की क्षमताओं के उपयोग के लिए संवाद करने तथा पहल करने की दिशा में और अधिक मुस्तैदी से खुद की प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने कहा कि भले ही कनाडा और भारत के बीच कई महाद्वीपों और महासागरों की दूरी हो परंतु हम अपने साझा मूल्यों, अपनी राजनीतिक तथा कानूनी परंपराओं तथा लोकतंत्र, बहुलवाद, वैयक्तिक स्वतंत्रता और कानून के शासन के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता से बंधे हुए हैं। हम दोनों को अपनी पंथनिरपेक्ष परंपराओं तथा अपनी जनता की विविधता पर गर्व है। ये वास्तव में एक बहुत ही उपयोगी साझीदारी के ठोस आधार हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोगों तथा हाइड्रोकार्बनों और नवीकरणीय ऊर्जा के दक्षतापूर्ण उपयोग के क्षेत्र में कार्य के लिए उत्सुक हैं। जब भारत खाद्य सुरक्षा तथा अपने कृषि सेक्टर को मजबूत बनाने के अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में प्रयासरत है, हम उर्वरकों के उत्पादन सहित इस क्षेत्र में अपने सहयोग के लिए उत्सुक हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच विभिन्न प्रकार के संबंध वर्षों के दौरान सफलतापूर्वक विकसित हुए हैं। उन्होंने एक मिलियन से अधिक जनसंख्या के भारतीय मूल के कनाडाई समुदाय की सराहना की, जिन्होंने आपसी सम्मान तथा सद्भाव के उस जज्बे को स्थापित करने के लिए कठोर परिश्रम किया है जो दोनों समाजों के बीच विद्यमान है। उन्होंने कहा कि कल शांति पथ के नजदीक जिस ‘इनुक्शुक’ की स्थापना की जाएगी, वह हमारी जनता के बीच भाईचारे तथा सद्भावना का चिरस्थाई प्रतीक होगा।
स्वागत राजभोज में बोलते हुए, कनाडा के गवर्नर जनरल ने उम्मीद व्यक्त की कि उनकी यात्रा से दोनों राष्ट्रों के संसदीय लोकतंत्र, बहुलवाद तथा जनता के मजबूत पारस्परिक संबंधों की परंपराओं से ओत-प्रोत, रिश्ते और घनिष्ठ होंगे। उन्होंने कहा कि एक लाख से ज्यादा भारतीय मूल के कनाडावासी कनाडा की सफलता में बहुत योगदान कर रहे हैं।
यह विज्ञप्ति 1420 बजे जारी की गई।