भारत के राष्ट्रपति,श्री प्रणब मुखर्जी ने आज( 25 मई 2013 ) कालूझंडा,सोलन में महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया|
इस अवसर पर बोलते हुये राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का उभरता जनसांख्यिकीय खाका,जिसमें 2025 तक दो तिहाई जनसंख्या के कामकाजी उम्र में होने की संभावना है,हमारे सामने और अधिक विकास का अवसर प्रस्तुत करता है| जनसंख्या संबंधी बढ़त का हम लाभ उठा सकते हैं परंतु इसके लिए हमारे युवाओं को राष्ट्र की प्रगति में भाग लेने के लिए अर्हताप्राप्त और प्रशिक्षित होना चाहिए|
राष्ट्रपति ने कहा कि यह संभव है कि हमारी शिक्षा प्रणाली के खोये हुये वैभव को पुनः प्राप्त किया जाए और कम से कम कुछ विश्वविद्यालयों को विश्व के सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों के दर्जे में लाया जाए|परंतु इसके लिए अपने उच्च शिक्षा संस्थानों के संचालन और उनमें प्रदान की जा रही शिक्षा के तरीकों में नवान्वेषी बदलाव लाने होंगे| हमें अकादमिक प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं में समुचित लचीलापन लाना होगा| उनमें उत्कृष्टता की संस्कृति का समावेश करने की ज़रूरत है| प्रत्येक विश्वविद्यालय को कम से कम एक ऐसा विभाग चिह्नित करना चाहिए जिसे उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया जा सके|
महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय की स्थापना,महाराजा अग्रसेन तकनीकी शिक्षा सोसाइटी द्वारा गुणवत्तापूर्ण तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए की गयी है|
यह विज्ञप्ति 1230 बजे जारी की गई