भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (25 जुलाई 2013) अपने कार्यकाल का प्रथम वर्ष पूर्ण किया।
इस दिन के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति भवन में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
राष्ट्रपति भवन के रहवासियों के लिए ‘प्रणब मुखर्जी जन पुस्तकालय’ का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति संपदा के चुनिंदा परिवारों को प्रथम पुस्तकालय सदस्यता कार्ड वितरित किए। इस मौके के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए बुकमार्क भी वितरित किए गए। जनसमूह को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चों में बचपन से ही पढ़ने की आदत डालना अत्यंत आवश्यक है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि राष्ट्रपति संपदा की एक जीर्ण-शीर्ण इमारत (जिसे ढहाया जाना था) का जीर्णोद्धार करके उसे वाचनालय कक्ष की सुविधा सहित, बहुत सी पुस्तकों, अखबारों और पत्रिकाओं से युक्त पुस्तकालय में तब्दील कर दिया गया। उन्होंने हमारे देश की शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाकर उसे प्राचीन समय में शिक्षा के विश्व केन्द्र के रूप में विकसित, गौरवशाली तक्षशिक्षा और नालंदा के समान बनाने की जरूरत पर बल दिया। राष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि राष्ट्रपति संपदा के रहवासी पुस्तकालय में निर्मित सभी सुविधाओं का पूर्ण उपयोग करेंगे।
राष्ट्रपति संपदा के डॉ. राजेंद्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय में एक क्रिकेट मैदान का भी उद्घाटन किया गया। राष्ट्रपति ने उस स्थान पर पौधा रोपा और पिच का चक्कर लगाया। वे वहां पर 5 क्रिकेट टीम के सदस्यों से मिले और उन्होंने क्रिकेट के बल्ले से बॉल पर प्रहार किया।
राष्ट्रपति ने, राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल के बाहर महात्मा गांधी की एक कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मूर्तिकार, पदम्श्री राम सुतार भी उपस्थित थे। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि यह उनकी हार्दिक आकांक्षा थी कि राष्ट्रपति भवन परिसर में राष्ट्रपिता की एक प्रतिमा स्थापित की जाए। उन्हें अत्यंत प्रसन्नता हुई कि उनके पद पर एक वर्ष पूरे होने के दिन उनका यह स्वप्न पूरा हो गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति भवन आने वाले आगंतुक इस भवन में गांधी जी की प्रतिमा की स्थापना से प्रेरणा ग्रहण करेंगे।
राष्ट्रपति ने, राष्ट्रपति भवन में स्थापित नई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से देश भर के राज्यपालों से बातचीत की।
यह विज्ञप्ति 1415 बजे जारी की गई।