भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (25 जुलाई, 2016) को अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूरे किए।
इस अवसर पर क्रमवार कार्यक्रम आयोजित किए गए।
प्रधान मंत्री, नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति, हामिद अंसारी और अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आज सायं (25 जुलाई, 2016) राष्ट्रपति भवन संग्रहालय के चरण-2 का उद्घाटन किया। चरण-2, 2 अक्तूबर, 2016 को जनता के देखने के लिए खोला जाएगा।
ललित कला अकादमी द्वारा प्रकाशित राष्ट्रपति भवन में पेंटिंग्स के तीन पोर्टफोलिया और प्रकाशन प्रभाग द्वारा राष्ट्रपति भवन पर पांच नई पुस्तकों का विमोचन किया गया। ये पुस्तकें हैं, ‘‘अराऊंड इंडियाज फर्स्ट टेबल : डायनिंग एण्ड एंटरटेनिंग एट राष्ट्रपति भवन’, ‘द आर्ट्स एण्ड इंटीरियर्स ऑफ राष्ट्रपति भवन : लुट्यिंस एण्ड बियोंड’, ‘डिस्कवर द मेगनिफिसेंट वर्ल्ड ऑफ राष्टपति भवन’, ‘ए वर्क ऑफ ब्यूटी : द आर्किटेक्चर एण्ड लैंडस्केप ऑफ राष्ट्रपति भवन’ और ‘फर्स्ट गार्डन ऑफ द रिपब्लिक : नेचर इन द प्रेजिडेंट्स एस्टेट’। ‘पेंटिंग्स इन द अशोका हॉल ऑफ राष्ट्रपति भवन’, ‘कम्पनी पेंटिंग्स इन राष्ट्रपति भवन’ और ‘सेलेक्ट पेंटिंग्स ऑफ राष्ट्रपति भवन’ शीर्षकों के पोर्टफोलियो ललितकला अकादमी, नई दिल्ली से खरीदे जा सकते हैं। पांच पुस्तकें प्रकाशन प्रभाग, भारत सरकार के आउटलैट पर उपलब्ध हैं।
राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन वेबसाइट पर एक माइक्रोसाइट लांच की जिसमें राष्ट्रपति भवन पर एक पर्यटन गंतव्य के रूप में सूचना और इसके तीन पर्यटन परिपत्र नामत: राष्ट्रपति भवन का मुख्य भवन, संग्रहालयों और उद्यानों पर सूचना मिलेगी। उन्होंने होप-आन, होप-आफ पर्यटन बस को भी रवाना किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन के निकट 43 वर्ष बिता दिए हैं परंतु राष्ट्रपति भवन के भीतर के जीवन के बारे में उनका ज्ञान सीमित था। इसलिए राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने सबसे पहले यह निर्णय लिया कि लोगों को राष्ट्रपति भवन के बारे में जानकारी होनी चाहिए। वे यह कहकर बहुत प्रसन्न थे कि वे अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूरा होने पर सामान्य जनता के लिए राष्ट्रपति भवन के द्वार खोलने में सफल हुए।
राष्ट्रपति ने कहा कि इतिहास बताया जाना चाहिए और उसका वर्णन किया जाना चाहिए। राष्ट्रपति भवन आधुनिक अवधि में इतिहास के उद्भव का मूक साक्षी रहा है और ऐसे समय का भी जब विश्व के सबसे बड़े कार्यात्मक लोकतंत्र ने कार्य करना आरम्भ किया। उस समय से भारतीय लोकतंत्र सुदृढ़ से सुदृढ़ होता चला गया। उन्होंने मौके पर उपस्थित सभी गण्यमान्य व्यक्तियों को नए उद्घाटित संग्रहालय को देखने के लिए समय निकालने का और इस शानदार सृजनात्मकता की सराहना करने का निमंत्रण दिया।
यह म्यूजियम 10,000 वर्गमीटर में फैला हुआ है। म्यूजियम फेस-2 एक उच्च हाईटेक कथाकार म्यूजियम है जिसमें राष्ट्रपति भवन की योजना और निर्माण के साथ-साथ गणतंत्र की स्थापना, सत्ता का हस्तांतरण, अब तक सभी राष्ट्रपतियों की जीवनियां और कार्य, राष्ट्रपति भवन में जीवन, परिसर की सुंदरता और पर्यावरण, यहां काम करने वाले लोगों और महत्त्वपूर्ण आगंतुकों का वर्णन होगा। इसमें एक कलादीर्घा भी होगी, जिसें अस्थायी प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी।
चरण-2 संग्रहालय को एक विरासत भवन के स्थान पर विकसित किया गया है जहां पहले राष्ट्रपति भवन के वाहनों का गैराज था। चरण-1 संग्रहालय, जो पहले राष्ट्रपति भवन का अस्तबल था और घोड़ों और समारोहिक कोचों का आवास था, का उद्घाटन 25 जुलाई, 2014 को किया गया था। चरण-2 संग्रहालय का उद्घाटन राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर को संपूर्ण करता है, जिसमें अस्तबल संग्रहालय, (चरण-1), गैराज संग्रहालय (चरण-2) और क्लॉक टावर है जिसमें आगंतुकों का स्वागत कक्ष, कैफेटेरिया और स्मारकों की दुकान होगी।
पृष्ठभूमि
‘ए वर्क ऑफ ब्यूटी : द आर्किटेक्चर एण्ड लैंड स्केप ऑफ राष्ट्रपति भवन’ पुस्तक एक संपूर्ण भाग है जो राष्ट्रपति सम्पदा के ब्रिटिश इंडिया की राजधानी को 1911 में कलकत्ता से दिल्ली लाने के बाद सरकारी आवास के रूप में इसके निर्माण से आरंभ करते हुए राष्ट्रपति भवन संपदा के चारों ओर समस्त क्षेत्र और आर्किटेक्चर का प्रलेखन करती है। इस पुस्तक में यह वर्णन है कि राष्ट्रपति भवन अंतरराष्ट्रीय आर्किटेक्चर के कहानीकार और टाउन प्लानिंग जो 20वीं सदी के आरंभ में नए चरण में प्रवेश कर गई का भाग कैसे बना। इसमें वायसराय के आवास के डिजाइन का पता चलता है और यह भी पता चलता है कि इसमें भारतीय और ब्रिटिश निर्माताओं के बीच संतुलन का एक महत्त्वपूर्ण समय कैसे निकाला, जो कि शैली और अस्तित्व के प्रश्न को छूने वाला और पश्चिमी तथा स्वदेशी कौशल के बीच संबंध का मामला था।
‘फर्स्ट गार्डन ऑफ द रिपब्लिक : नेचर इन दा प्रेसिडेंट्स एस्टेट’ सभी मौसमों में राष्ट्रपति सम्पदा के वनस्पतियों और जीव का प्रलेखन करती है। यह दर्शाती है कि किस प्रकार मानव एजेंसी इसके आवास को तैयार करती है और उसमें सहायक होती है। इस पुस्तक से पता चलता है कि वनस्पति और प्राणी जगत किस प्रकार अपने आपको राष्ट्रपति संपदा के अनुसार ढाल लेते हैं और इन प्राणियों और उनके आवासों में आने वाली चुनौतियां क्या हैं।
‘अराउंड इंडियाज फर्स्ट टेबल : डाइनिंग एण्ड एंटरटेनिंग एट राष्ट्रपति भवन’ पुस्तक राष्ट्रपति भवन में खाने और मनोरंजन के इतिहास को उस समय से बताती है जब शाही डाइनिंग रूम में ब्रिटिश वायसराय फ्रेंच खाना परोसते थे, लोकतंत्र के पूर्व वर्षों और धीरे-धीरे पश्चिमी से भारतीय कुजीन में प्रतिस्थापन का वर्णन करती है। पाठक सावधानीपूर्वक खाना तैयार करने संबंधी दृश्यों को देखकर आश्चर्यचकित रह जाते थे जो सफल पाक कला नीति के लिए भारत की पहली टेबल का कार्य करती है।
‘द आर्ट्स एण्ड इंटीरियर्स ऑफ राष्ट्रपति भवन : लुट्येंस एण्ड बियोंड’ पुस्तक विशाल राष्ट्रपति भवन संपदा के भव्य आंतरिक साज-सज्जा में प्रदर्शित की गई विभिन्न कलाकृतियों का व्यापक रूप से प्रलेखन और नामांकन करती है। इसमें फर्नीचर, पेंटिंग्स की शैलीगत सुविधाओं और इतिहास का स्पष्ट वर्णन शामिल है। यह वस्त्रों, भित्ती चित्रों और उन कार्पेटों के बारे में भी रुचिकर जानकारी देती है जो संपदा को सजाते हैं। कलाकृतियों की तस्वीरों, योजना की प्रतिकृतियों और दुर्लभ अभिलेखीय प्रलेखनों से वर्णित, पाठक एक शानदार दुनिया में प्रवेश पाता है और उसे राष्ट्रपति भवन के सामान्य आंतरिक साज-सज्जा, डिजाइन की जानकारी प्राप्त होती है।
‘डिस्कवर द मेगनीफिसेंट वर्ल्ड ऑफ राष्ट्रपति भवन’, बच्चों की एक छोटी पुस्तक है जिसका उद्देश्य बच्चों को राष्ट्रपति भवन की आकर्षक कहानी—यह कैसे निर्मित किया गया, इसकी घटनाओं और देश तथा इसमें रहने और कार्य करने वाले लोगों के जीवन में इसकी क्या भूमिका है, का ज्ञान कराना है। रोचक कहानियों, आकर्षक तथ्यों और ब्योरेवार अध्ययन के द्वारा यह पुस्तक बच्चों को राष्ट्रपति भवन के शानदार विशाल सम्पदा में ले जाती है और उनको वहां के जीवन का एक सुंदर दृश्य दिखाती है।
यह विज्ञप्ति 2130 बजे जारी की गई