भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (25 दिसंबर, 2013) इलाहाबाद में जगत तारन गर्ल्स इंटरमीडिएट कॉलेज के नए भवन का उद्घाटन किया तथा स्वर्गीय श्री चिंतामणि घोष की प्रतिमा का अनावरण किया।
श्री चिंतामणि घोष की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि श्री घोष ने हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रसार में तथा हिंदी की मासिक पत्रिका, सरस्वती के प्रकाशन में बहुत योगदान दिया था।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि विद्यालयों में दी जा रही शिक्षा से भारत के भविष्य की आधारशिला रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि युवा हमारे तथा देश के भविष्य के निर्माता हैं। हमें शिक्षा के माध्यम से उन्हें परिवर्तन एवं विकास का माध्यम बनाया होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों को यह शिक्षा दी जानी चाहिए कि उन्हें न केवल अच्छे विद्यार्थी बनना होगा वरन् उन्हें अपने अंदर समाज की सेवा करने की इच्छा तथा ऊर्जा का भी समावेश करना होगा। राष्ट्रपति ने महिलाओं की शिक्षा और जागरूकता के स्तर में सुधार की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि विद्यालयों को ऐसे जागरूक नागरिक तैयार करने होंगे जो मानवता का सम्मान करें तथा घृणा, हिंसा तथा भेदभाव की भावनाओं से ऊपर उठकर एक मजबूत और जीवंत राष्ट्र के निर्माण में योगदान दें।
इस अवसर पर उपस्थित गण्यमान्य व्यक्तियों में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री बी.एल. जोशी भी शामिल थे।
राष्ट्रपति ने इससे पूर्व, उसी दिन इलाहाबाद में निखिल भारत बंग साहित्य सम्मेलन के 86वें वार्षिक अधिवेशन का भी उद्घाटन किया।
यह विज्ञप्ति 1910 बजे जारी की गई।