भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (25 दिसम्बर, 2015) एआई-भीमवरम, आंध्रप्रदेश के तिरुमाला, तिरुपति देवस्थानम वेद पाठशाला का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि वेद हमारी विरासत और संस्कृति के स्रोत हैं। वे हमारी बहुमूल्य प्रणाली की आधारशिला हैं। वेदों में प्रतिष्ठापित विचार न केवल व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के कल्याण की पूर्ति करते हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय भाइचारे की भावना को भी प्रकट करते हैं। वे हमें ज्ञान, बुद्धिमानी और समझ प्रदान करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि वेद पाठशालाएं, वैदिक ज्ञान के प्रसारण के लिए संस्थागत फ्रेमवर्क प्रदान करती हैं। उन्होंने वेदों की मौखिक परंपरा को संरक्षित करने के लिए आरंभ किए गए उपायों और वैदिक शिक्षा को लोकप्रिय बनाने के लिए नए कार्यक्रमों को डिजायन करने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को बधाई दी।
यह विज्ञप्ति1600 बजे जारी की गई।