श्री सर्गेय नारिश्किन, अध्यक्ष, रसियन स्टेट ड्यूमा ने आज (26 फरवरी, 2015) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
श्री सर्गेय नारिश्किन और उनके शिष्टमंडल के साथ अपने वार्तालाप के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-रूस कार्यनीतिक साझीदारी का एक शानदार लम्बा इतिहास रहा है। दिसंबर, 2014 में राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा एक ऐतिहासिक अवसर था। इस दौरान जिन बातों पर सहमति बनी, उसने बहुत से नए क्षेत्रों में हमारी साझीदारी का विस्तार करने में सहायता दी है। भारत,रूस के साथ विभिन्न क्षेत्रों में कार्यनीतिक साझीदारी को विकसित करने तथा प्रगाढ़ करने के लिए पूर्णत: समर्पित है। वर्षों के दौरान हमने निरंतर ऐसी विशेष तथा गौरवपूर्ण कार्यनीतिक साझीदारी विकसित की है जो हमारे दो देशों के बीच संबंधों के विस्तार तथा प्रगाढ़ता का प्रतीक है। मेरा मानना है कि हमारे द्विपक्षीय रिश्तों के आर्थिक आयामों में ऐसी बहुत सी संभावनाएं मौजूद हैं,जिनका अभी उपयोग किया जाना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-रूस संसदीय आदान-प्रदान द्विपक्षीय संबंधों के महत्त्वपूर्ण तत्त्व हैं। विभिन्न संसदीय समितियों के अध्यक्षों के इस उच्च स्तरीय शिष्टमंडल की भारत की यात्रा से हमारे संसदीय संबंधों को ताजा ऊर्जा और प्रगाढ़ता प्राप्त होगी।
राष्ट्रपति के प्रत्युत्तर में, श्री सर्गेय नारिश्किन, अध्यक्ष, रसियन स्टेट ड्यूमा ने कहा कि भारत और रूस के बीच मैत्री विभिन्न दशकों के दौरान बढ़ी है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जुलाई में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन रूस में होगा। उन्होंने रूस में ‘विजय दिवस’ के 70वें समारोह में भारत की सहभागिता का अनुरोध किया।
यह विज्ञप्ति 1925 बजे जारी की गई।