भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने उत्तराखंड में 25 जून, 2013 को भारतीय वायु सेना के बचाव हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने पर शोक जताया, जिसमें बचाव और राहत कार्य में लगे हुए भारतीय वायु सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा राहत बल के कई कार्मिकों की जान चली गई।
वायु सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल एन.ए.के. ब्राउन को भेजे गए अपने शोक संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि, ‘‘दु:ख की इस घड़ी में, दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति मैं अत्यंत गहन संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं उन वीरों के साहस तथा सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूं जिन्होंने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।
प्रकृति की प्रचंडता और गंभीर संकट के सामने हजारों लोगों को निकालने और उनका जीवन बचाने की चुनौती को भारतीय वायु सेना ने जिस अनुकरणीय ढंग से स्वीकार किया, उस पर मुझे गर्व है। इस दुर्घटना के बावजूद जब तक आखिरी तीर्थयात्री को निकाल नहीं लिया जाता तब तक ‘चलते रहो’ का भारतीय वायु सेना का संकल्प भारतीय सशस्त्र सेनाओं की बेहतरीन परंपराओं के अनुरूप है।
कृपया उत्तराखंड में इन अभियानों में जुटे हुए बहादुर हवाई योद्धाओं को सूचित करें कि मेरा मन तथा मेरी प्रार्थना उनके साथ है। मृतकों के परिजनों को मेरी हार्दिक संवेदना पहुंचाएं। मैं सर्वशक्तिमान से प्रार्थना करता हूं कि वह शोक संतप्त परिवारों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति और धैर्य प्रदान करें।’’
यह विज्ञप्ति 1200 बजे जारी की गई।