भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली के एक समारोह में मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आज (26 जून, 2013) मद्यपान और नशीले पदार्थों (दवा) के दुरुपयोग की रोकथाम के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवा के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी आबादी के स्वरूप को देखते हुए, भारत जैसे राष्ट्र के लिए मद्यपान और मादक पदार्थों का दुरुपयोग एक गंभीर चिंता का विषय है। उनका कहना था कि इस बुराई को रोकने और समाप्त करने के लिए सभी भागीदारों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने शिक्षकों, धार्मिक समूहों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, विधि प्रवर्तन अधिकारियों तथा सभी सामुदायिक प्रमुखों का आह्वान किया कि वे अपने-अपने इलाके में व्यापक परंतु संवेदनशीलता के साथ मद्यपान और मादक पदार्थों के दुरुपयोग का समाधान करने के लिए एकजुट हो जाएं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमें सतत, निरंतर और परिणामोन्मुख तरीके से मादक पदार्थों के दुरुपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के अधिक प्रयास करने चाहिएं। उनका कहना था कि नशा छुड़ाने और पुनर्वास केन्द्रों की एक महत्वपूर्ण भूमिका है परंतु जिज्ञासु या नशे के आदी लोगों को इससे दूर रखने के लिए उपयुक्त और समयबद्ध जागरूकता प्रयास भी बहुत जरूरी हैं। उन्होंने बल देकर कहा कि रोकथाम की एक ऐसी राष्ट्रव्यापी समुदाय आधारित प्रणाली तैयार करने का प्रयत्न किया जाना चाहिए जो प्रत्येक स्तर पर भागीदारों को जोड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि वे स्थानीय संगठनों के साथ एकजुट होकर प्रभावित और संवेदनशील लोगों की विविध और विशिष्ट आवश्यकताओं के प्रति सक्रिय योगदान दे सकते हैं।
यह विज्ञप्ति 1320 बजे जारी की गई।