भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अवसर पर अपने संदेश में भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अथक प्रयास करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करने का आह्वान किया है।
केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त को लिखते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग दिनांक 26 अक्तूबर से 31 अक्तूबर, 2015 तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मना रहा है।
भ्रष्टाचार देश की प्रगति पर बुरा प्रभाव डालता है,सरकार की आय को कम करता है और आय और संपत्ति के वितरण में असमानता पैदा करता है। यह विकास का प्रमुख बाधक है। यह जरूरी है कि भ्रष्टाचार की बुराइयों के बारे में जागरूकता पैदा की जाए और लोकमत तैयार किया जाए। भ्रष्टाचार का एक बीमारी के रूप में उपचार किया जाना चाहिए और इसकी रोकथाम पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए। यह उचित है कि आयोग ने इस वर्ष ‘सुशासन के साधन के रूप में निरोधक सतर्कता’ विषय चुना है। निरोधक सतर्कता के लिए किए गए उपायों से न केवल भ्रष्टाचार कम होगा बल्कि क्षमता, पारदर्शिता और विधिक शासन के अनुपालन में वृद्धि के द्वारा सुशासन में भी योगदान मिलेगा। मुझे खुशी है कि केंद्रीय सतर्कता अयोग भ्रष्टाचार के विरुद्ध जागरूकता पैदा करने और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों और युवाओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।
मैं सतर्कता जागरूकता सप्ताह, 2015 से जुड़े सभी लोगों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। आइए भारत को भ्रष्टाचार मुक्त करने और इस लक्ष्य की प्रप्ति के लिए अथक प्रयास करने की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करें।’’
यह विज्ञप्ति1250 बजे जारी की गई।