—उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन में किए जा रहे प्रयासों से पूरे देश में हमारी शानदार विरासत के संरक्षण तथा हिफाजत की जरूरत का सशक्त संदेश जाना चाहिए
कला एवं सांस्कृतिक धरोहर के लिए भारतीय राष्ट्रीय ट्रस्ट (इन्टैच) द्वारा 26 जून, 2013 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति संपदा के लिए एक व्यापक संरक्षण प्रबंधन योजना प्रस्तुत की गई।
कार्यभार ग्रहण करने के बाद राष्ट्रपति, श्री मुखर्जी ने व्यक्तिगत रूप से यह निर्देश दिए थे कि सभी भावी निर्माणों के लिए ब्लू प्रिंट के रूप में कार्य करने के लिए एक व्यापक संरक्षण प्रबंधन योजना तैयार की जाए ताकि राष्ट्रपति संपदा को यथासंभव, सर एडवर्ड लुटिएन्स तथा उन अन्य लोगों की परिकल्पना के अनुसार पुन: व्यवस्थित किया जाए, जिन्होंने इस परिसर की योजना तैयार की थी।
इसके बाद इस उद्देश्य के लिए इन्टैच को परामर्शदाता के रूप में नियुक्त किया गया तथा इसके दिल्ली चैप्टर के संयोजक प्रो. ए.जी.के. मेनन ने संरक्षण, शहरी डिजायन, भूविन्यास, आपदा प्रबंधन, अवसंरचना तथा सेवा आदि के क्षेत्रों से 40 विशेषज्ञों की एक टीम को यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए तैयार किया।
इन्टैच को दायित्व सौंपा गया था कि शहरी तथा भूविन्यास डिजायन के नजरिए से वह नई दिल्ली के समग्र मास्टर प्लान के परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रपति भवन की मूल योजना सिद्धांतों की पहचान करें, मूल डिजायन के आशय के मुकाबले में मौजूदा अभिन्यास की सार्थकता का आकलन करें, उन व्यू कॉरीडोरों, स्थानों तथा अन्य विशेषताओं का निर्धारण करें जो कि संरक्षण किए जाने वाले क्षेत्र की धरोहर संबंधी विशेषताओं को दर्शाएं, भविष्य में विकास के लिए दिशानिर्देश प्रदान करें तथा राष्ट्रपति भवन के लिए एक व्यापक संरक्षण प्रबंधन योजना तैयार करें।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने सचिवालय से रिपोर्ट की जांच करने और उसकी सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन में किए जा रहे संरक्षण प्रयासों से पूरे देश में यह सशक्त संदेश जाना चाहिए कि हमारी शानदार धरोहर और वास्तुशिल्प की उत्कृष्ट कृतियों को संरक्षित तथा सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति की सचिव, श्रीमती ओमिता पॉल ने आश्वासन दिया कि राष्ट्रपति भवन के रखरखाव और संरक्षण का हर-एक प्रयास किया जाएगा। अतीत की त्रुटियों को ठीक करने के प्रयास करने होंगे और यह सुनिश्चित करना होगा कि यह भविष्य में न दोहराई जाएं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट की विभिन्न सिफारिशों को कार्यान्वित करने के प्रयास पहले ही शुरू कर दिए गए हैं।
व्यापक संरक्षण प्रबंधन योजना के कार्यकारी सारांश में उल्लेख किया गया है कि श्रेणी-I विरासत भवन के रूप में, राष्ट्रपति भवन की प्रस्थिति इस इमारत और स्थल को संरक्षित करने के प्रयासों की सीमाएं निर्धारित करती है परंतु इसमें राष्ट्रपति के आवास सहित सरकार का सर्वोच्च कार्यालय भी स्थित है। इससे यह ‘जीवंत धरोहर’ भवन बन गया है जिससे इसके कुशलतापूर्वक कामकाज की जरूरी आवश्यकताएं पैदा हो गई हैं। व्यापक संरक्षण प्रबंधन योजना दोनों आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार की गई है। व्यापक संरक्षण प्रबंधन योजना निर्माण की संकल्पना में, सम्पदा के विस्तृत परिप्रेक्ष्य और इसकी समसामयिक कार्यात्मक आवश्यकताओं को ध्यान में रखा गया है।
एक ‘जीवंत’ भवन के तौर पर, मूल अभिकल्पना और अभिन्यास में बदलाव किया गया है क्योंकि वर्षों के दौरान राष्ट्रपति भवन परिसर की कार्यात्मक भूमिका आकार और जटिलता दोनों के रूप में बहुत बढ़ गई है। कुल मिलाकर वर्षों के दौरान, निरंतर विकास की प्रक्रिया के दौरान, मूल अभिकल्पना की मौलिकता का सम्मान किया गया है, जिससे व्यापक संरक्षण और प्रबंधन योजना में भवन को संरक्षित करने का आवश्यकता की पुष्टि होती है।
व्यापक संरक्षण प्रबंधन योजना में, राष्ट्रपति भवन क्षेत्र के धरोहर संबंधी पहलुओं के संरक्षण के लिए निरंतर रखरखाव के महत्त्व और आवश्यकता पर बल दिया गया है। इसमें केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में एक विशिष्ट धरोहर प्रकोष्ठ की आवश्यकता पर भी बल दिया गया है।
यह विज्ञप्ति 1300 बजे जारी की गई।