भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (28 नवम्बर 2014) कोलकाता में तंत्रिकाविज्ञान संस्थान के 150 बिस्तरों वाले अस्पताल का उद्घाटन किया। तंत्रिकाविज्ञान संस्थान, पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा कोलकाता नगर निगम और तंत्रिका विज्ञान फाउंडेशन, बंगाल के सहयोग से संचालित की जा रही परियोजना है।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि हमें अपने देश में किस प्रकार की स्वास्थ्य प्रणाली अपनानी चाहिए। एक व्यावसायिक, लाभ आधारित प्रणाली या फिर हमारे समाज में मौजूद सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप प्रणाली। उन्होंने कहा कि तंत्रिका विज्ञान संस्थान जैसे चिकित्सा संस्थानों पर युवा चिकित्सकों और स्वास्थ्य पेशेवरों के मन में मानवीयतापूर्ण नजरिए का समावेश करने तथा चिकित्सा के क्षेत्र में मूल्य-आधारित आजीविका की ओर उन्मुख करने का दायित्व है। बहुत से ऐसे चिकित्सक हैं जो अधिक से अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए विदेशों के प्रमुख संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक हैं। उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। परंतु इसी के साथ, उन्हें यह भी याद रखना होगा कि देश ने उनकी शिक्षा पर निवेश किया है। वे जहां भी जाएं उन्हें अपनी मातृभाषा के साथ पावन बंधन बनाए रखना है। उनमें देशभक्ति तथा सामाजिक उत्तरदायित्व का ज़ज्बा जगाने की जरूरत है।
यह विज्ञप्ति1930 बजे जारी की गई।