भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (29 मार्च, 2014) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में रोटरी इंटरनेशनल के पोलियो-फ्री कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी इस सफलता के बाद हमें और सतर्क रहना होगा। हम तब तक जोखिम में रहेंगे जब तक कि पूरा विश्व इस जीवाणु से मुक्त नहीं हो जाता। हमें सतर्क तथा तैयार रहना होगा तथा यह सुनिश्चित करने के लिए हरेक सावधानी बरतनी होगी कि हमारे देश में इस भयंकर बीमारी की पुनरावृत्ति न हो।
राष्ट्रपति ने कहा कि विषाणु और रोग सीमाओं को नहीं मानते। यह हमारे हित में है कि हम विश्व समुदाय की उस जनसंख्या की सहायता करें जिन्हें अभी भी पोलियो का खतरा है। हमें उन देशों तक पहुंचना होगा जो हमारी सफलता तथा अनुभव से लाभ उठा सकते हैं। नाइजीरिया, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, पश्चिम अफ्रीकी देशों तथा सीरिया, जिनको पोलियो ग्रस्त माना जाता है, की कई तरीकों से सहायता की जा सकती है। ऐसी कार्यनीतियां, जिनसे हमें सफलता मिली है तथा जिनसे हमारी स्वास्थ्य प्रणालियों और अवसंरचना में सुधार आया है, उनको साझा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक कहीं भी पोलियो के विषाणु जीवित हैं, तब तक यह सभी जगह की जनसंख्या को खतरा है।
यह विज्ञप्ति 1305 बजे जारी की गई।