भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (29 अप्रैल, 2014) कांचीपुर में मणिपुर विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मणिपुर एक सुंदर राज्य है तथा इसने कला, संस्कृति तथा खेलों के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्टता प्राप्त की है। भारत को मणिपुर के युवकों और युवतियों द्वारा प्राप्त उपलब्धियों पर गर्व है तथा हमें भविष्य में उनसे हमारे देश के लिए और अधिक गौरव प्राप्त करने की अपेक्षा है। यह जरूरी है कि सभी लोग, खासकर मणिपुर के युवा, इस बात को पहचानें कि अर्थव्यवस्था और समाज केवल अहिंसा मुक्त वातावरण में ही फलफूल सकते हैं। हिंसा से कभी किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। हिंसा से हर एक पक्ष के दु:ख और दर्द में बढ़ोतरी ही होती है। उन्होंने मणिपुर के युवाओं का आह्वान किया कि वे राष्ट्र के भविष्य के निर्माण के लिए देश के शेष युवाओं के साथ एकजुट होकर प्रयास करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज देश प्रगति कर रहा है। हर एक क्षेत्र में—चाहे वह व्यवसाय हो, उद्योग हो, व्यापार हो, शिक्षा हो अथवा संस्कृति हमारे एक अरब से अधिक लोग हमारी मुख्यत: युवा जनसंख्या के विचारों, प्रयासों तथा ऊर्जा के द्वारा आगे की ओर गतिमान हैं। उदीयमान भारत मणिपुर के युवाओं के लिए बहुत से अवसर प्रदान कर रहा है। उन्होंने मणिपुर के युवाओं से आग्रह किया कि ‘हिंसा और सघर्ष के अंधकारमय दिनों को भूल जाएं। एक नए सूर्योदय का स्वागत करें। आइए हम अपने सामूहिक भविष्य पर भरोसा रखते हुए आगे बढ़ें।’ उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत सरकार तथा मणिपुर राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ तथा दायित्वबद्ध हैं कि प्रत्येक मणिपुरी गरिमापूर्ण जीवन जीए तथा सबको समान अधिकार एवं अवसर प्राप्त हों।
राष्ट्रपति जी ने मणिपुर की जनता को सफल एवं शांतिपूर्ण चुनावों के लिए बधाई दी। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि उन्हें इस बात की खुशी होनी चाहिए कि कभीकभार कुछ शोरशराबे के बावजूद भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि 2009 में भंग किए गए मणिपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ को अगले शैक्षणिक सत्र से पुन: आरंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का विश्वास है कि यह इस विश्वविद्यालय में युवाओं के कल्याण को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण एवं रचनात्मक भूमिका निभाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में पूर्व पूर्वोत्तर के युवाओं पर आक्रमण की दुखद घटनाएं हुई हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे देश का बहुलवादी स्वरूप तथा भारत की एकता का सूत्र, जिस पर सभी भारतीयों को गर्व है, इस तरह की अस्वीकार्य घटनाओं से कमजोर न होने पाए। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि केंद्र सरकार तथा दिल्ली सरकार दोनों ने ही न केवल आरोपियों की धरपकड़ करने और उनको दंडित करने में सख्त कार्यवाही की है बल्कि ऐसे उपाय भी किए हैं कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर श्री रिशांग किशिंग को डॉक्टर ऑफ लॉ तथा श्री एल.बीरेन्द्र कुमार सिंह को डॉक्टर ऑफ लिटरेचर प्राप्त करने पर भी बधाई दी।
यह विज्ञप्ति 1650 बजे जारी की गई।