भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (30 अगस्त, 2016) राष्ट्रपति भवन में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी और सेंट जॉन एंबुलेंस (भारत) की वार्षिक आम सभा के औपचारिक सत्र की अध्यक्षता की और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली शाखाओं तथा रेड क्रॉस/सेंट जॉन स्वयंसेवकों को पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि ये पुरस्कार व्यक्तियों और संगठनों को उनके बचाव और राहत, स्वास्थ्य संवर्द्धन, कमजोर वर्ग को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने तथा समुदायों को शिक्षित करने में उनके योगदान को मान्यता प्रदान करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम ऐसे युग में रह रहे हैं जहां मानव निर्मित आपदाएं रोज होती हैं। जोखिम कम करने, क्षमता निर्माण, मानवीय संचालन तंत्र, विकास कार्य, विश्व में परेशानी में राहत और सहायता प्रदान करने में रेड क्रॉस का कार्य महत्वपूर्ण रहा है। प्रवास चाहे आंतरिक हो या सीमा के पार, वह हमेशा चिंता का कारण रहा है। ऐसी परिस्थितियों में, आवश्यकता केवल सामग्री राहत और सुप्रशिक्षित स्वेच्छा कार्यकर्ताओं को शामिल करने की नहीं है- बल्कि समग्र समाज द्वारा सहायता के लिए हाथ आगे बढ़ाने की है- जो एक संवेदनशील और मानवीय तरीके से संपन्न होनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारे विशाल देश को अधिक संख्या में, अधिक कुशल मानव संसाधन की आवश्यकता केवल संकट के समय में ही नहीं है बल्कि सामान्य स्थिति में भी है ताकि सरकारी सामाजिक कार्यक्रमों को लक्ष्य समुदायों की पहुंच के भीतर लाया जा सके। उन्होंने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ और ‘स्वच्छ भारत’ पहल कार्यक्रमों से जुड़ने के लिए भारतीय रेड क्रॉस द्वारा किए गए प्रयास की सराहना की।
राष्ट्रपति ने छोटे बच्चों और वृद्धों के लिए कार्यक्रमों में युवा पीढि़यों को शामिल करने को प्रोत्साहन दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय रेड क्रॉस और सेंट जॉन एंबुलेंस से जुड़ने वाले छात्रों की अधिक संख्या से उनकी समग्र शिक्षा का एक प्रमुख पहलू हासिल होगा। स्कूल स्तर पर क्षमता विकास में कम आयु में समाज की निःस्वार्थ सेवा के मूल्य को मन में बैठाना चाहिए; ये मूल्य हमारे बच्चों को सामाजिक बुराइयों के प्रति संवेदनशील और सचेत बनाएं ताकि वे सकारात्मक तरीके से इन पर केंद्रित हो सकें और नवोन्वेषी समाधानों के विकास में योगदान दे सकें।
यह विज्ञप्ति 1420 बजे जारी की गई।