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राष्ट्रपति जी ने कहा कि ‘जीव ही शिव है’ के ध्येय वाक्य के साथ लोगों की सेवा करें

राष्ट्रपति भवन : 30.11.2014

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (30 नवम्बर 2014) कालाहांडी में श्री रामकृष्ण आश्रम, रामपुर का उद्घाटन किया। यह परियोजना स्वामी विवेकानंद की 150वीं जन्म जयंती मनाए जाने के लिए विश्वभर में शुरु किए गए स्मृति कार्यक्रमों में से एक है। राष्ट्रपति ने स्वामी विवेकानंद की 150वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में आश्रम द्वारा ओडिया भाषा में प्रकाशित ‘‘भारत परिक्रमा-कालाहांडी से कश्मीर तथा कन्याकुमारी’’ पुस्तक भी प्राप्त की।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने स्वामी विवेकानंद को भावीभीमीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण परमहंस से जो एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपदेश प्राप्त किया था, वह था जिव ही शिव है अर्थात हर व्यक्ति खुद में ईश्वरीय शक्ति है। स्वामी विवेकानंद ने सिखाया कि आम आदमी की सेवा उसमें ईश्वर को साक्षात मानकर की जानी चाहिए। आदिवासी जनता और खासकर बच्चों और युवाओं के लिए शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की विभिन्न सुविधाएं जुटाकर स्वामी वैरागयानंद जी ने अपने आश्रम को स्वामी जी के विचारों और उपदेशों के कार्यान्वयन का माध्यम बना दिया।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि देश का भविष्य उसके लोगों तथा उनको मिलाने वाली शिक्षा पर निर्भर करता है। इस तरह के पिछड़े इलाकों के लोगों के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने की परियोजनाएं शुरू करके स्वामी वैराग्यानंद जी और उनके आश्रम के सहयोगी स्वामी विवेकानंद के द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा कर रहे हैं।

यह विज्ञप्ति1520 बजे जारी की गई।