भारतीय व्यापार सेवा के 2010 और 2011 बैच के 20 परिवीक्षाधीनों ने आज(31जुलाई2013)भारत के राष्ट्रपति,श्री प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की|ये परीवीक्षाधीन इस समय भारतीय विदेश व्यापार संस्थान,नई दिल्ली में नौ माह का व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं|
इस अवसर पर बोलते हुए,राष्ट्रपति ने देश की एक कठिनतम परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर इन परीवीक्षाधीनों को बधाई दी|उन्होंने कहा कि हमारे निर्यात सेक्टर को हमारी अर्थव्यवस्था के पुनररुत्थान में अग्रणी बनना चाहिए|जहां तक भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रश्न है,उसमें कुछ चिंताएँ हो सकती हैं परंतु निराशा का कोई कारण नहीं है|उन्होंने कहा कि हमें भारत की आर्थिक संभावनाओं के बारे में वास्तविक आकलन दर्शाना चाहिए|
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें वाणिज्य मंत्री के रूप में उन वार्ताओं में भाग लेने का सौभाग्य मिला था,जिनके परिणामस्वरूप विश्व व्यापार संगठन का गठन हुआ|विश्व व्यापार संगठन का गठन विश्व व्यापार और निवेश के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटना है|
परीवीक्षाधीनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वे देश की प्रगति के लिए कार्य करने जा रहे हैं|उनको अपने कार्यों में अति सक्रिय,अपने निर्णयों में त्वरित,अपने प्रयासों में नवान्वेषक तथा अपने दायित्वों में सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए|उनके कार्यों से सामाजिक-आर्थिक पिरामिड में सबसे नीचे मौजूद तबके का हित होना चाहिए|
इस अवसर पर वाणिज्य सचिव,निदेशक,भारतीय विदेश व्यापार संस्थान तथा महानिदेशक,विदेश व्यापार भी उपस्थित थे|
यह विज्ञप्ति 1850 बजे जारी की गई।