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भारत के राष्ट्रपति ने दिल्ली उच्च न्यायालय के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति भवन : 31.10.2015

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (31अक्तूबर, 2015) दिल्ली उच्च न्यायालय के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि वह यह जानकर प्रसन्न हैं कि दिल्ली उच्च न्यायालय के स्वर्ण जयंती समारोह का विषय सभी के लिए न्यायहै। उनके विचार से इस कथन का तात्पर्य कमजोर लोगों को सशक्त बनाने और किसी की व्यक्तिगत पहचान के होते हुए भी कानून का समान व्यवहार करने से है।

राष्ट्रपति ने कहा कि न्यायपालिका, जो हमारे लोकतंत्र के तीन स्तंभों में एक है, संविधान और कानून की अंतिम व्याख्याता है। इससे कानून के विरुद्ध कार्य करने वालों से तेजी से प्रभावी रूप से निपटते हुए सामाजिक व्यवस्था कायम रखने में मदद मिलेगी। विधिक शासन की धारक और स्वतंत्रता के अधिकार के प्रवर्तक के रूप में, न्यायपालिका की पुनीत भूमिका है। न्यायपालिका में जनता की श्रद्धा और विश्वास को सदैव बनाए रखना चाहिए। न्याय के लिए लोगों का तात्पर्य,इसकी सुलभ्यता,वहनीयता और शीघ्रता से है। गरीब से गरीब के लिए न्याय की पहुंच से सभी के लिए न्याय सुनिश्चित होगा। एक ऐसे देश के लिए जिसके सामाजिक-आर्थिक पायदान के अंत में अनेक नागरिक हों,एक वहनीय न्याय प्रणाली आवश्यक है। एक प्रभावी न्याय प्रणाली के तीन स्तंभों में शीघ्र न्याय करना तीसरा स्तंभ है, जबकि दो अन्य सुलभ्यता और वहनीयता है। न्याय देने में विलंब न्याय न मिलने के समान है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रौद्योगिकीय समाधान न्याय की प्रक्रिया को तेज कर सकता है तथा वादी के लिए भी इसे और सरल बना सकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने उत्कृष्ट मानदंडों और उच्च विचारों से प्रतिष्ठा अर्जित की है। इस न्यायालय द्वारा दिए गए ऐतिहासिक निर्णयों ने हमारे देश के विधिक और संवैधानिक ढांचे को मजबूत किया है। इसकी पीठ और विधिज्ञ-वर्ग को बौद्धिक प्रज्ञा और विधिक विद्वता के लिए जाना जाता है। प्रत्येक गुजरते दशक में, दिल्ली उच्च न्यायालय में ऐसे न्यायधीशों ने कार्य किया है जिन्होंने एक विश्वस्तरीय संस्था के सृजन के लिए जरूरी बौद्धिक गहनता, ऊर्जा और शक्ति प्रदान की। इस न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय को25 उत्कृष्ट न्यायाधीश दिए हैं जो इसके न्यायिक तंत्र में विद्यमान उच्च कार्यबोध का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि दिल्ली उच्च न्यायालय सदैव न्याय का प्रहरी बना रहेगा।

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्यों में न्यायमूर्ति एच.एल दत्तू, भारत के मुख्य न्यायाधीश; श्री नज़ीब जंग, दिल्ली के उपराज्यपाल,श्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्य मंत्री, न्यायमूर्ति जी रोहिणी, मुख्य न्यायाधीश; दिल्ली उच्च न्यायालय शामिल थे।

यह विज्ञप्ति1400 बजे जारी की गई।