महामहिम, राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम,
मालदीव गणराज्य के राष्ट्रपति,
मादाम फातिमा इब्राहिम,
श्री मोहम्मद हामिद अंसारी, भारत के उपराष्ट्रपति,
डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के प्रधानमंत्री,
मालदीव गणराज्य से विशिष्ट अतिथिगण तथा
देवियो और सज्जनो,
महामहिम, आज की शाम आपका तथा आपके शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है। मुझे आपसे मिलकर तथा हाल ही में आपके चुनाव के लिए आपको व्यक्तिगत रूप से बधाई देकर विशेष प्रसन्नता हो रही है। मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली राजकीय विदेश यात्रा पर भारत आगमन से आपने एक महत्त्वपूर्ण भावना—हमारे द्विपक्षीय संबंधों को प्राथमिकता प्रदान करना—को रेखांकित किया है, जो पारस्परिक है।
2. महामहिम, भारत और मालदीव के बीच परंपरागत प्रगाढ़ संबंध हैं। यह उन सांस्कृतिक, भाषिक तथा वाणिज्यिक संबंधों पर आधारित हैं, जिन्होंने हमारे समाजों को सदियों से बांधे रखा है। हमें जोड़े रखने वाले हिंद महासागर ने आज हमारे बीच, हमारे अपने-अपने लोगों के परस्पर फायदे के लिए, जनता के पारस्परिक रिश्तों तथा विभिन्न प्रकार के सहयोगों को पोषित किया है। हमारे विशेष तथा विशिष्ट रिश्ते नियमित रूप से उच्च स्तरीय आदान-प्रदानों से मजबूत हुए हैं। आपकी इस यात्रा तथा आज हमारी सरकार के साथ आपके संपर्क से, नि:संदेह, हमारे अत्यंत पुराने संबंधों और समझ में मजबूती आई है। मुझे विश्वास है कि दोनों पक्ष इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपने जारी कार्यों का समग्र पुनरीक्षण करेंगे तथा आने वाले वर्षों के दौरान अपने साझा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएंगे।
3. महामहिम, मालदीव गणराज्य ने 1965 में अपनी स्वतंत्रता से ही, राष्ट्र निर्माण की दिशा में अच्छी प्रगति की है। मालदीव में, हाल ही में हुए राष्ट्रपति के चुनाव तथा शक्ति का सुगम हस्तांतरण आपके देश में लोकतंत्र की मजबूती का प्रमाण है। एक स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया तथा रचनात्मक परिणाम सुनिश्चित करने में मालदीव के नेतृत्व के प्रयासों की भारत सराहना करता है। हम आपके प्रयासों तथा मालदीव को प्रगति और समृद्धि की ओर ले जाने के आपके निश्चय के लिए आपको बधाई देते हैं। आज, मालदीव ने सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों तथा जलवायु परिवर्तन तथा पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर अपनी पहल के लिए पूरी दुनिया का सम्मान अर्जित किया है।
4. भारत और मालदीव के बीच विभिन्न तरह के प्रगाढ़ संबंधों में हमारे शानदार द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा संबंध शामिल हैं। मालदीव की ही तरह भारत चाहता है कि हिंद महासागर क्षेत्र में निर्बाध शांति और सुरक्षा बनी रहे। हम दोनों को ही समुद्री डाकुओं, तस्करी, उग्रवाद तथा धर्मिक कट्टरवाद की चुनौतियों का सामना करना है। भारत को इस बात का पूरा अहसास है कि मालदीव को इन मुद्दों से निपटने की जरूरत है तथा हम मालदीव सरकार के रक्षा तथा सुरक्षा उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायता के लिए वचनबद्ध हैं।
5. भारत, हिंद महासागर क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए मालदीव तथा समान विचारधारा वाले अन्य देशों के साथ मिलकर प्रयास करने का इच्छुक है। हम इस प्रयास में स्वाभविक साझीदार हैं। क्षेत्रीय स्तर पर हम, राष्ट्रों के बीच बेहतर समुद्री सीमा जागरूकता तथा उनके द्वारा बेहतर समन्वय तथा चौकसी की दिशा में सहयोग बढ़ाने के लिए काफी कुछ कर सकते हैं। हम सदैव, जरूरत पड़ने पर, मालदीव को अपनी सहायता और सहयोग देने के लिए तत्पर रहे हैं तथा आने वाले वर्षों में भी ऐसा करने में हमें खुशी होगी।
6. महामहिम, भारत चाहेगा कि मालदीव स्थिर, शांतिपूर्ण तथा समृद्ध बना रहे तथा अपने नागरिकों की आकांक्षाओं को पूर्ण करे। मालदीव में, विकास परियोजनाओं के लिए हमारे द्वारा प्रदत्त अनुदानों तथा संसाधनों, क्षमता निर्माण, शिक्षा तथा प्रशिक्षण और आकस्मिक आपातकाल के दौरान दी गई मानवीय सहायता के सकारात्मक परिणामों पर हमें संतोष का अनुभव होता है। हम मालदीव की जनता की प्रगति तथा उनके विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आज घोषित की गई पहलों के संयुक्त कार्यान्वयन के लिए उत्सुक हैं।
7. महामहिम, मुझे विश्वास है कि मालदीव में आपके नेतृत्व के अधीन सभी क्षेत्रों में विकास तथा उन्नति के एक नए युग का सूत्रपात होगा।
8. इन्हीं शब्दों के साथ, विशिष्ट अतिथिगण, देवियो और सज्जनो, आइए हम सब मिलकर:
- महामहिम, राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम के स्वास्थ्य और सफलता के लिए;
- मालदीव की जनता की शांति, स्थिरता, प्रगति तथा समृद्धि के लिए; और
- भारत और मालदीव के बीच स्थाई मैत्री के लिए, कामना करें।