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मॉरिशस गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति श्री राजकेश्वर प्रयाग के सम्मान में आयोजित राज-भोज में राष्ट्रपति जी का अभिभाषण

नई दिल्ली : 04.01.2013



महामहिम राजकेश्वर प्रयाग, मॉरिशस गणराज्य के राष्ट्रपति,

श्रीमती अनीता प्रयाग,

विशिष्ट अतिथिगण,

भारत की प्रथम राजकीय यात्रा पर आपका तथा आपके विशिष्ट शिष्टमंडल का हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। आप भारत के बहुत पुराने मित्र हैं तथा भारत और मॉरिशस के बीच नजदीकी संबंधों के प्रबल समर्थक हैं।

महामहिम, हमारे देश ऐतिहासिक रिश्तों से जुड़े हैं तथा दोनों देशों की जनता के बीच प्रगाढ़ संबंधों के कारण हमारे बीच विशिष्ट गर्मजोशी और मैत्री मौजूद है। वर्तमान मॉरिशस भारतीय मूल के सफल और प्रगतिशील लोगों का अपना देश है जिन्होंने अपने कठोर परिश्रम तथा इस देश की प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के द्वारा इस देश में अपने लिए स्थान बनाया है।

मॉरिशस में महात्मा गांधी द्वारा दिखाई गई प्रगाढ़ रुचि तथा 1900 के शुरुआती वर्षों के दौरान मॉरिशस में सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन के समर्थन में मनीलाल डॉक्टर की सक्रिय सहभागिता के बाद मॉरिशस ने एक स्वतंत्र तथा प्रगतिशील देश के रूप में बहुत सफलता अर्जित की है। आधुनिक मॉरिशस के राष्ट्रपिता, सर शिवसागर रामगुलाम ने लोकतंत्र तथा समृद्धि की आधारशिला रखी, जिसका आनंद आज आपकी जनता उठा रही है। आजादी के बाद केवल चार दशकों की छोटी-सी अवधि में मॉरिशस ने जो सामाजिक-आर्थिक प्रगति की है, भारत उसका अभिनंदन करता है। विश्व अर्थव्यवस्था पर असर डालने वाली मंदी के बावजूद शानदार लचीलापन दिखाते हुए मॉरिशस अपनी प्रभावशाली आर्थिक प्रगति तथा उच्च जीवन स्तर को बनाए रखने में सफल रहा है।

महामहिम, भारत और मॉरिशस के बीच सहयोगपूर्ण चिरकालिक सम्बन्ध आज एक आधुनिक और जीवंत साझीदारी के रूप में विकसित हो गए हैं जिसमें दोनों पक्षों के प्रमुख सेक्टर शामिल हैं। इसमें हमारे नियमित संवाद तथा द्विपक्षीय करारों, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संयुक्त उद्यमों और सुदृढ़ जन संपर्कों के माध्यम से आरम्भ किए गए अन्तर सरकारी प्रयासों से सहायता मिली है। हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच मजबूत सहयोग और अनुपूरकताएं दर्शाती हैं कि विशेष तौर से व्यापार, निवेश, विकासात्मक तथा अवसंरचना के क्षेत्रों में अभी विशाल संभावनाएं बनी हुई हैं।

महामहिम, अंतरराष्ट्रीय मंच पर सहयोग का हमारा दीर्घकालीन इतिहास रहा है। आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सहायता के हमारे उचित दावे सहित, हमारे लिए महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर, मॉरिशस की समान भावना और सहयोग की हम प्रशंसा करते हैं। हम, एक समान महत्त्व वाले क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों सहित अपने दोनों देशों के दीर्घकालिक हितों के लिए, आपके साथ सहयोग करने की उम्मीद करते हैं।

मैं, इस अवसर पर इस बात पर बल देना चाहूंगा कि हमारी जनता की सुरक्षा और हिफाजत हमारी द्विपक्षीय कार्यसूची में उच्च प्राथमिकता पर रहनी चाहिए। हमारे तटों को स्पर्श करने वाले सम्पूर्ण हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति व स्थिरता हमारा साझा उद्देश्य है। हम समुद्री डाकुओं की साझी चुनौती का सामना कर रहे हैं जिसे सभी प्रभावित समुद्रतटवर्ती राष्ट्रों के सामूहिक प्रयासों से ही खत्म किया जा सकता है। हम क्षेत्रीय सहयोग के लिए हिंद महासागर रिम एसोसिएशन में मॉरिशस सरकार के सक्रिय सहयोग और भागीदारी को महत्त्वपूर्ण मानते हैं।

महामहिम, मॉरिशस में हाल ही में छठे प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन हुआ था। मैं, इस अवसर पर, इस बहु-आयामी समारोह का बढ़-चढ़ कर स्वागत करने के लिए आपकी सरकार और मॉरिशस के लोगों को धन्यवाद देता हूं। वे 27 मिलियन भारतवंशियों से जुड़े हुए समारोहों और प्रयासों में सक्रिय सहभागी रहे हैं। हम, विशेषकर इस बात पर सम्मान का अनुभव कर रहे हैं कि आप इस वर्ष कोच्चि में प्रवासी भारतीय दिवस में मुख्य अतिथि होंगे।

महामहिम, मॉरिशस की प्रगति और समृद्धि के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता है। हमने द्विपक्षीय सहयोग पर अनेक निर्णय लिए हैं और आपकी यात्रा के दौरान जिस आर्थिक पैकेज पर चर्चा हुई है, उससे निस्संदेह हम अपने साझे उद्देश्यों की दिशा में आगे बढें़गे। हमें पूर्ण विश्वास है कि आपके राष्ट्रपति काल के दौरान, हमारे दोनों देशों के बीच दीर्घकालीन संबंध, भ्रातृत्वपूर्ण सहायता और सहयोग मजबूत होगा और परस्पर लाभ वाले संयुक्त प्रयासों से हमारी जनता और अधिक प्रगति व समृद्धि प्राप्त करेगी।

विशिष्ट अतिथिगण, देवियो और सज्जनो, इन्हीं शब्दों के साथ, आइए, हम सब मिलकर—

- मॉरिशस गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति और श्रीमती अनीता प्रयाग के स्वास्थ्य और व्यक्तिगत कुशलता;

- भारत और मॉरिशस के बीच घनिष्ठ मैत्री और सहयोग की दीर्घ परम्परा; और

- मॉरिशस गणराज्य की मैत्रीपूर्ण जनता की प्रगति व समृद्धि की कामना करें।