मैं प्रथम निमकेयर विश्व स्वास्थ्य दिवस - विश्व शिखर सम्मेलन के अवसर पर आपके बीच आकर सचमुच प्रसन्न हूं। विश्व स्वास्थ्य दिवस की स्थापना की वार्षिकी के रूप में प्रतिवर्ष 7 अप्रैल को मनाए जाने वाला, विश्व स्वास्थ्य दिवस पूरे विश्व में लोगों से संबंधित विशिष्ट स्वास्थ्य शीर्षक पर कार्रवाई करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। 2017 विश्व स्वास्थ्य संगठन दिवस अभियान का विषय ‘अवसाद’ है; आइए इस संबंध में बात करें।
मुझे प्रसन्नता है कि विश्व हिन्दी दिवस पर इस सम्मेलन के आयोजन में निमकेयर अग्रणी बना। प्रथम निमकेयर विश्व स्वास्थ्य दिवस के शिखर सम्मेलन का नारा ‘‘एक स्वस्थ मस्तिष्क के लिए एक हों’’ है। कुछ समय पूर्व, सतत विकास उद्देश्यों के रूप में पूरे विश्व ने एक शपथ ली जिसमें मानसिक स्वास्थ्य और आरोग्यता की प्रधानता थी। इसके साथ ही, 2030 तक अनेक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हम प्रतिबद्ध हुए। समस्या की मात्रा और उपलब्ध सीमित समय को देखते हुए, हमारा कार्य वास्तव में अति चुनौतिपूर्ण है।
देवियो और सज्जनो,
मानसिक आरोग्यता की कमी से पूरे विश्व में पूर्ण विकलांगता और रोगों की संख्या में महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ोतरी होती है। मनुष्य की उत्पादकता, चाहे कार्यबल में अथवा पारिवारिक परिस्थितियों में, बड़े पैमाने में कम हो जाती है यदि उसको कोई मानसिक रोग हो। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी रोगों की सरल रोग से बहुत जटिल परिस्थिति तक की बहुत बड़ी शृंखला है। अकसर यह देखा जाता है कि सरल रोग का यदि समय से प्रबंध न किया जाए तो यह अधिक जटिल हो जाता है और रोगी को संख्यात्मक रोगों के बड़े जोखिम तक पहुंचा देता है। ऐसे रोगी अकसर परिवार पर बहुत बड़ा बोझा बन जाते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य के रोगों में से संभवत: अवसाद बहुत सामान्य है। अवसाद प्रत्येक व्यवसाय के सभी आयु वर्ग के लोगों को और सब देशों में प्रभावित करता है। निम्हास द्वारा संचालित राष्ट्रीय मानसिक सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार 5.2 प्रतिशत भारतीय प्रौढ़ आबादी किसी न किसी रूप में अवसाद से ग्रसित रहती है। परिवार के सदस्यों द्वारा समय की कमी के कारण अकसर अवसाद की समस्या की उपेक्षा होती है। मानसिक रोग के साथ लगा सामाजिक कलंक, चाहे उसका उपचार आसानी से हो जाता हो, भी भारत में एक बड़ी समस्या है। तथापि लोगों ने अब इस मामले पर बोलना आरंभ कर दिया है जिससे इस संबंध में बड़ी जागरूकता पैदा हो रही है। मैं यह बताना चाहूंगा कि हमारी परिवार प्रणाली के साथ पारंपरिक भारतीय मूल्य उन लोगों को सहायता पहुंचाने में अच्छे यंत्र साबित हो सकते हैं जो मानसिक रोगों से गुजरते हैं। मैं मेडिकल प्रैक्टिश्नरों से आग्रह करना चाहूंगा कि वे सामाजिक समर्थन प्रणाली, आध्यात्मिक आस्था और अभ्यास के साथ-साथ सभी को आरोग्यता देने में योग पद्धति पर ध्यान केंद्रित करें।
देवियो और सज्जनो,
भारत में मानसिक स्वास्थ्य व्यवसायिकों का बहुत अभाव है और इस सेवा अन्तराल को टेलीमैडिसिन द्वारा प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस शिखर सम्मेलन मानसिक स्वास्थ्य परामर्श की आवश्यकता पर ग्रामीण और शहरी आबादी के लिए ई-सीएपी और एसओएल्स टेलिसाइकेट्ररी प्रयोग लंच करके सही दिशा में आरंभ हुआ है। मुझे खुशी है कि अंतरराष्ट्रीय सोसायटी फॉर टेलिमेडिसिन और ई-हैल्थ, यूएसए ने भारत की टैलिमैडिसिन सोसाइटी को अब अधिकृत राष्ट्रीय सोसायटी के रूप में मान्यता दे दी है जो भारत में टेलिमैडिसिन कार्यकलापों को प्रस्तुत करती है। टेलिसाइकेटरी के द्वारा विकसित हो रहे मोबाइल एप्स के आगमन से पर्याप्त रूप से मृत्यु दर कम होने में मदद करेगी। पहुंच से बाहर के रोगों की परामर्श सेवाएं देना बहुत महत्त्वपूर्ण होगा।
मैं ‘टेलिमैडिसिन सेंटर ऑफ आर्म्ड फोर्सज के लिए मार्गदर्शन और संसाधन सामग्री’ पर सीडी की प्रथम प्रति पाकर विशेष रूप से प्रसन्न हूं। सैन्य बलों, विशेष रूप से स्वास्थ्य देखभाल डिलीवरी और रक्षा बल कार्मिकों और उनके आश्रितों के स्वास्थ्य मानिटरिंग में टेलिमैडिसिन प्रयोग का सर्वोच्च महत्त्व है। सेना के लिए टेलिमैडिसिन कार्यान्वयन के लिए नए नोड्स के आरंभ से, गुणवत्ता स्वास्थ्य देखभाल विशेषकर उत्तर पूर्व पहाड़ी क्षेत्रों में, बढ़ेगी। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारे सेना के नौजवानों का जीवन बचाने में टेलिमैडिसिन एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, उन्हें स्वास्थ्य संबंधी मसलों पर अग्रिम अद्यतन जानकारी प्रदान करेगा। टेलिमैडिसिन सैन्य बलों के लिए सर्वोपयुक्त है और यह विशेष रूप से स्वास्थ्य लाभ डिजीवरी प्रणाली में सुधार करेगा।
देवियो और सज्जनो,
मुझे खुशी है कि सामूहिक कार्रवाई हेतु एक बड़ा फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए स्वास्थ्य दिवस शिखर सम्मेलन ने विश्व के अलग-अलग शहरों में इस विश्व सामरिक अनुसरण संबंधी गुप्त सभाएं आयोजित की हैं। मैं आप सबसे अपील करता हूं कि आप वैश्विक रूप से सोचें और स्थानीय रूप से कार्य करें। मैं आप सभी साझेदारों से बैठक के सफल होने और अवसाद में चुनौतियों का सामना करने की अपील करता हूं।
मुझे डॉ. एन.एम. वीरय्यन, चांसलर, सविता यूनिवर्सिटी, चेन्नै को निमकेयर जीवन पर्यन्त पुरस्कार प्रदान करते हुए सचमुच प्रसन्नता हो रही है जिन्होंने सविता यूनिवर्सिटी को अपने समर्पण, प्रतिबद्धता और कठिन परिश्रम से देश के अग्रणी यूनिवर्सिटीज़ में से एक में रूपांतरित किया है। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे लोगों के प्रति उत्कृष्ट सेवाओं को मान्यता देते हुए उत्कृष्ट नागरिकों को निमकेयर विश्व स्वास्थ्य दिवस उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान करने का अवसर भी मिला।
देवियो और सज्जनो,
निष्कर्ष से पहले, मैं शिकागो, अमरीका के सुप्रसिद्ध हैल्थ प्रैक्टीशनर डॉ. विजय जी प्रभाकर को, भारत में प्रथम निमकेयर विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन आयोजित करने संबंधी पहल करने के लिए, सराहना करता हूं और उन सह-मेजबानों को भी बधाई देता हूं जिन्होंने अवसाद के प्रति जागरूकता पैदा करने और इससे लड़ने के लिए एक बड़ा फ्रेमवर्क तैयार करने हेतु निमकेयर के साथ मिलकर कार्य किया। मैं इस शिखर सम्मेलन में समुद्रपारीय सह मेज़बान संगठनों का स्वागत करता हूं।
आइए, हम अवसाद के प्रति जागयकता पैदा करने के हमारे प्रयासों में और भी अधिक प्रगति करने के लिए संघर्ष करें और हमारे स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित करें। मुझे विश्वास है कि यह निमकेयर स्वास्थ्य दिवस विश्व शिखर सम्मेलन आप सबको प्रेरित होने, चुनौति स्वीकार करने और आपकी निरंतर प्रगति के लिए सार्थक भागीदारी करने का अवसर प्रदान करेगा। मुझे उम्मीद है कि यहां पर उपस्थित सभी भागीदार उन मानसिक स्वास्थ्य देखभाल स्थितियों से निपटने के लिए बेहतर रूप से तैयार होकर वापस जाएंगे जिनमें तत्काल ध्यानाकर्षण की आवश्यकता है। आइए, हम सभी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के मसले से निपटने के लिए और अवसाद की रोकथाम और उससे लड़ने के लिए एकजुट हो जाएं। मैं आपके परिश्रम में तीव्र प्रगति की कामना करता हूं।
धन्यवाद,
जय हिंद!