होम >> अभिभाषण >> अभिभाषण विस्तार

फिलीस्तीन राज्य के फिलीस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण के राष्ट्रपति महामहिम श्री महमूद अब्बास के सम्मान में आयोजित राज-भोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

नई दिल्ली : 11.09.2012



महामहिम राष्ट्रपति महमूद अब्बास,

फिलीस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण के राष्ट्रपति, और

फिलीस्तीनी स्वतंत्रता संगठन के अध्यक्ष,

महामहिम, भारत की इस सरकारी यात्रा पर आपका तथा आपके शिष्टमंडल के सदस्यों का हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे वास्तव में बहुत प्रसन्नता हो रही है।

आपकी यात्रा, हमारी उस मित्रता, एकात्मता तथा सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है तथा जो हमेशा से भारत और फिलीस्तीन के संबंधों की विशेषता रही है।

विशिष्ट अतिथिगण,

फिलीस्तीन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, महात्मा गांधी ने उस समय व्यक्त की थी जब भारत खुद अपनी आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था। बहुत पहले, 1936 में ही हमारी एकात्मता व्यक्त करने के लिए भारत में ‘फिलीस्तीन दिवस’ मनाया गया था। भारत की आजादी के शुरुआती वर्षों में, फिलीस्तीन आंदोलन के प्रति हमारी नीति और सहयोग को हमारे प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में मजबूती मिली थी। अरब राष्ट्रों को छोड़कर, हमारा देश सबसे पहला देश था जिसने 1975 में फिलीस्तीनी जनता के अकेले तथा वैध प्रतिनिधि के रूप में, फिलीस्तीनी स्वतंत्रता संगठन को मान्यता प्रदान की थी। मार्च 1980 में, हमने नई दिल्ली में, अध्यक्ष श्री यासिर अराफात की भारत की सरकारी यात्रा से केवल दो दिन पूर्व, फिलीस्तीनी कार्यालय को मान्यता प्रदान की थी। इसके तुरंत बाद, भारत ने 1988 में, फिलीस्तीन राज्य को मान्यता प्रदान की, जिसके बाद हमने 1996 में फिलीस्तीन राज्य में अपना प्रतिनिधि कार्यालय खोला।

महामहिम,

भारत फिलीस्तीनी मामले के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग और अविचल रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ में, गुट निरपेक्ष आंदोलन में और विभिन्न दूसरे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर, भारत ने सदैव एक संप्रभु, स्वतंत्र तथा व्यवहार्य राष्ट्र की प्राप्ति की फिलीस्तीनी जनता की वैध आकांक्षा का समर्थन किया है। भारत, फिलीस्तीन राष्ट्र के साकार होने की आपकी आकांक्षा पूरी होते देखना चाहता है, जिसकी राजधानी पूर्वी योरूसलम हो, वह सुरक्षित तथा मान्यता प्राप्त सीमाओं के अंदर स्थित हो, और वह इजरायल के साथ-साथ तथा शांतिपूर्ण ढंग से रहे। इस उद्देश्य से, भारत ने अरब शांति प्रयास तथा क्वारटेट रोड मैप के लिए अपना सहयोग दोहराया है; हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तथा महासभा के प्रासंगिक संकल्पों के कार्यान्वयन की बार-बार मांग की है।

महामहिम, मैं फिलीस्तीनी जनता के अथक साहस की हृदय से प्रशंसा करता हूं और इस अवसर पर उनके न्यायोचित आंदोलन के प्रति भारत के सैद्धांतिक तथा अडिग समर्थन को दोहराता हूं। हमने सदैव पश्चिम एशिया में संघर्ष को राजनीतिक प्रकृति का माना है और इसलिए हमारा मानना है कि इसे ताकत से हल नहीं किया जा सकता।

महामहिम, भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बनने के आपके प्रयासों का पूरी तरह समर्थन करता है। हमारे राजदूतों तथा प्रतिनिधियों ने फिलीस्तीन के यूनेस्को का सदस्य बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिल-जुलकर प्रयास किए हैं। हाल ही में, धरोहर समिति के सदस्य के रूप में, भारत ने बेथलेहम में होली चर्च ऑफ नेटिविटो को विश्व धरोहर के रूप में मान्यता दिलाने में फिलीस्तीन का समर्थन किया था।

भारत को इस बात पर गर्व है कि उसने राष्ट्र निर्माण की दिशा में, फिलीस्तीनी जनता के निरंतर प्रयासों में सहयोग दिया है। हमें इस बात का संतोष है कि हमने दशकों से आपकी परियोजनाओं के विकास, शैक्षणिक तथा प्रशिक्षण सुविधाओं के सर्जन, क्षमता संवर्धन तथा मानवीय राहत के लिए अनुदान तथा संसाधनों का सहयोग किया है, उसके सार्थक परिणाम मिले हैं।

महामहिम, मुझे यह जानकर भी प्रसन्नता हो रही है कि आपने आज शाम को नई दिल्ली में फिलीस्तीनी दूतावास के नए भवन का उद्घाटन किया है। यह हमारे कूटनीतिक इतिहास में एक गर्व का क्षण है और आपका दूतावास हमेशा हमारे दोनों देशों और हमारी जनता के सहयोग तथा स्थाई मित्रता का प्रतीक बना रहेगा।

भारत की आपकी यह यात्रा भी सार्थक तथा उपयोगी रही है और यह अवसर हमारे द्विपक्षीय कार्यक्रमों की समीक्षा करने, आपसी लाभ के लिए सहयोग को मजबूत करने तथा आने वाले वर्षों के दौरान हमारे साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर रहा है।

इन्हीं शब्दों के साथ, महामहिमगण, देवियो और सज्जनो,

आइए, हम सब मिलकर॒:-

- महामहिम राष्ट्रपति महमूद अब्बास, फिलीस्तीनी राष्ट्रीय प्रधिकरण के राष्ट्रपति के स्वास्थ्य और सफलता की;

- फिलीस्तीन राज्य तथा इसके मैत्रीपूर्ण लोगों की समृद्धि और प्रगति की; और

- भारत और फिलीस्तीन के बीच स्थाई मित्रता तथा सहयोग की कामना करें।