मुझे, विश्व के 138 देशों के विशिष्ट दंत चिकित्सा पेशेवरों, दंत उद्योग प्रमुखों,शिक्षकों तथा अनुसंधानकर्ताओं की इस विशिष्ट सभा के बीच आकर वास्तव में खुशी हो रही है। आरंभ में ही, मैं विश्व दंत चिकित्सक फेडरेशन तथा भारतीय दंत चिकित्सक एसोसियेशन को ‘ए बिलियन स्माइल्स वेल्कम द वर्ल्ड ऑफ डेन्टिस्ट्री’ शीर्षक से इस वार्षिक विश्व दंत चिकित्सा सम्मेलन को भारत में आयोजित करने के लिए बधाई देना चाहूंगा। मुस्कराहट एक सार्वभौमिक भाषा है तथा मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आप जो करोड़ों लोगों के चेहरों पर सच्ची मुस्कराहट लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, मुख संबंधी स्वास्थ्य सेवा तथा दंत चिकित्सा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण तथा उभरते मुद्दों पर चर्चा करने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं।
2. मुख संबंधी स्वास्थ्य संपूर्ण स्वास्थ्य का अनिवार्य अंग है तथा यह वैश्विक रूप से चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। मुख संबंधी बीमारियां प्रमुख स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बनती जा रही हैं और इनका प्रमुख कारण तेजी से बदलती जीवन शैली, व्यापक रूप से तंबाकू का प्रयोग और शराब का बढ़ता उपभोग है। सार्वभौमिक होने तथा बहुतायत के कारण मुख संबंधी रोग जन-स्वास्थ्य के लिए प्रमुख खतरा बन गए हैं। मैं विश्व दंत चिकित्सक फेडरेशन को समान रूप के खतरों से जुड़े होने के कारण मुख संबंधी बीमारियों को भी मधुमेह, हृदय रोग, आघात, दीर्घकालिक सांस संबंधी बीमारियों और कैंसर जैसी गैर-संचारी बीमारियों के अंतर्गत मानने के लिए संयुक्त राष्ट्र को सहमत करने के उनके प्रयास के लिए बधाई देता हूं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मोटापा तथा दंत रोगों जैसी जन स्वास्थ्य समस्याओं में कमी लाने के लिए चीनी के उपभोग में कमी पर सार्वजनिक परिचर्चा के आयोजन से समग्र मुख स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए एक मंच उपलब्ध होगा।
3. इस उपमहाद्वीप में मुख और दंत स्वास्थ्य का स्तर चुनौतिपूर्ण है। अधिकांश लोग मुख संबंधी स्वास्थ्य के महत्त्व और सामान्य सेहत पर इसके प्रभाव के प्रति अनभिज्ञ हैं। मुख संबंधी रोग और दंतों के क्षय को बूढ़ा होने की प्रक्रिया का एक भाग माना जाता था और बहुत से लोगों द्वारा इसकी अनदेखी की जाती थी। मैं समझता हूं कि देश में मुख संबंधी स्वास्थ्य के रक्षक के तौर पर भारतीय दंत चिकित्सा एसोसिएशन ने समाज के विभिन्न वर्गों के बीच मुख संबंधी स्वास्थ्य और स्वच्छता बनाए रखने की जरूरत के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अनेक कार्यक्रम और परियोजनाएं आरंभ की हैं। भारत में आज हमें हरित क्रांति तथा श्वेत क्रांति के समान ही मुख स्वास्थ्य क्रांति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारतीय दंत चिकित्सक एसोसियेशन अंतरराष्ट्रीय दंत चिकित्सक फेडरेशन और इसके साझीदारों के साथ देश में मुख संबंधी स्वास्थ्य क्रांति पैदा करने के लिए इस अभियान में अग्रणी रही है।
4. दंत क्षय हमारे 60-80 प्रतिशत बच्चों को प्रभावित करता है तथा मसूढ़ों के रोग हमारी 90-95प्रतिशत जनता को प्रभावित करते हैं। मुझे खुशी है कि दंत क्षय संबंधी अंतरराष्ट्रीय अनुभवों के अनुरूप भारतीय दंत चिकित्सा एसोसियेशन ने ऐसे दंत सेवा केंद्र शुरू किए हैं जिनका एकमात्र उद्देश्य बच्चों में दंत क्षय को रोकना है। भारतीय दंत चिकित्सक एसोसियेशन का राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम, जिसमें निरोधात्मक उपायों के साथ जनता के विभिन्न वर्गों के बीच मुख स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता की शिक्षा पर जोर दिया गया है, एक प्रशंसनीय कार्यक्रम है।
5. विश्वभर में, मुख कैंसर 21वीं सदी की एक प्रमुख स्वास्थ्य चुनौती है तथा भारत भी इस बीमारी के उपचार तथा रोक की बड़ी चुनौती से जूझ रहा है। तम्बाकू मुख के कैंसर का एक बड़ा कारण है। दंत चिकित्सकों को प्राय: मुंह में कैंसर-पूर्व घावों का पता चलता है। मुझे बताया गया है कि भारतीय दंत चिकित्सक एसोसियेशन ने तम्बाकू के परित्याग के लिए तम्बाकू हस्तक्षेप पहल सहित मुंह के कैंसर के जल्दी पता लगाने और उपचार के लिए मुख कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की है। मैं समझता हूं कि केवल मुख कैंसर मामलों के पंजीकरण के लिए एक विशिष्ट मुख कैंसर रजिस्ट्री भी स्थापित की गई है। भारतीय दंत चिकित्सक एसोसियेशन द्वारा की गई पहलें हमें यह विश्वास दिलाती है कि मुख कैंसर की जल्द पहचान तथा तम्बाकू परित्याग के लिए तैयार किए गए उपकरण देश में मुख स्वास्थ्य प्रबंधन में महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे।
6. मुझे बताया गया है कि अंतरराष्ट्रीय दंत चिकित्सक फैडरेशन के ‘लिव-लर्न-लॉफ’नामक वैश्विक कार्यक्रम के तहत भारतीय दंत चिकित्सक एसोसियेशन द्वारा कार्यान्वित दिन में दो बार फ्लोराइड टूथपेस्ट से ब्रश करने के कार्यक्रम का स्कूली बच्चो के मुख स्वास्थ्य पर काफी फायदेमंद प्रभाव पड़ा है। सामान्य स्वास्थ्य पर जोर देते हुए, स्कूली बच्चों को मुख स्वास्थ्य की बुनियादी जरूरतों के बारे में जागरूक करने की जरूरत है। स्कूलों में नियमित दंत-जांच कैंपों, जो भारतीय दंत चिकित्सक एसोसियेशन द्वारा लगाए जा रहे हैं, से स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलेगी। भारतीय दंत चिकित्सक एसोसियेशन को स्कूली प्राधिकारियों के साथ मिलकर स्कूली बच्चों के बीच निरोधात्मक मुख स्वास्थ्य के बारे में अधिकतम स्कूलों तक पहुंचना चाहिए।
7. दंत चिकित्सा ने आज उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयां प्राप्त कर ली हैं। हम दंत प्रौद्योगिकी में क्रांतिकारी बदलाव देख रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग तथा रोगियों के रिकार्डों के डिजिटाइज होने से उपचार की गुणवत्ता, रोगियों की सुविधा तथा दंत चिकित्सा में दक्षता में काफी सुधार आया है। स्वास्थ्य सेवा आज डिजिटल बदलाव के दौर में है तथा यह वास्तव में चिकित्सा पद्धति तथा संबंधित व्यावसायिक गतिविधियों को पुन: परिभाषित कर रही है। दंत विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर नई खोजों ने दंत पेशेवरों पर अपना प्रभाव डाला है तथा वह बेहतर दंत उपचार में योगदान दे रहे हैं। दंत अनुसंधान में उन्नति से दंत चिकित्सा एक प्रौद्योगिकी प्रधान विधा बन रही है। इस गतिशील विश्व में हमें हर तरह की प्रगतिशील प्रौद्योगिकियों को अपनाना होगा जिनका चिकित्सा पद्धतियों में व्यापक उपयोग होगा। यह सम्मेलन प्रतिभागियों को नई से नई प्रौद्योगिकियों और अच्छी परिपाटियों से सज्जित करेगा।
8. आजकल साक्ष्य आधारित तथा न्यूनतम हस्तक्षेप दंतचिकित्सा प्रचलन में हैं। अनुसंधान तथा दंत चिकित्साओं के बीच अंतर को पाटने के लिए साक्ष्य आधारित दंत चिकित्सा, नवीन खोजों का अकेला स्रोत है। प्रौद्योगिकी में उन्नति के अनुरूप, आजकल के आरामतलब जीवनशैली के कारण दांतों की बीमारियों का स्वरूप भी बदल रहा है। रोगियों के बीच बीमारी के बारे में बढ़ती जागरूकता तथा उनकी उम्मीद स्वस्थ सेवा प्रदाताओं की पेशेवराना क्षमताओं के लिए चुनौती खड़ी कर रही है। इन उम्मीदों को पूरा करने के लिए आपको समुदाय को आरामदायक तथा वहनीय दंत चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए पद्धति विकसित करनी होगी तथा नवान्वेषी प्रक्रियाएं और प्रौद्योगिकी अपनानी होगी।
देवियो और सज्जनो,
9. आने वाले समय में भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी जनसंख्या की बढ़त होगी। हमारी पचास प्रतिशत से अधिक की जनसंख्या 25वर्ष से कम की है तथा शीघ्र ही विश्व का हर पांचवां कामकाजी व्यक्ति भारत में होगा। हमने वर्ष 2022 तक 500 मिलियन लोगों को कुशल बनाने का लक्ष्य तय किया है। भारतीय दंत चिकित्सक एसोसियेशन को रोजगार सृजन तथा इस देश की 1.2 बिलियन जनता को गुणवत्तायुक्त मुंह संबंधी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के दोहरे उद्देश्यों से मुख स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में और अधिक लोगों को कौशल प्रदान करते हुए इस जनसंख्या का फायदा उठाने का प्रयास करना होगा।
10. भारत, अपने जनाधार के साथ मुख स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में व्यवसाय का बड़ा अवसर उपलब्ध करा रहा है। जनता को गुणवत्तायुक्त तथा वहनीय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना भारी चुनौती है। सरकार ने वर्षों के दौरान स्वास्थ्य सेक्टर के लिए आबंटन बढ़ाया है। केंद्र सरकार ने 11वीं योजना अवधि के मुकाबले 99,491 करोड़ के परिव्यय के मुकाबले 12वीं योजना अवधि में स्वास्थ्य सेक्टर का परिव्यय 200 प्रतिशत बढ़ाकर 300,018करोड़ रुपए कर दिया है। सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस पर जोर देने से भारत में भारी व्यवसाय के अवसर खुले हैं। मुझे विश्वास है कि यहां प्रदर्शित ‘लघु दंत विश्व बाजार’प्रदर्शकों और भारत में संबंधित भागीदारों दोनों के लिए लाभदायक होगा।
देवियो और सज्जनो,
11. हम सभी जानते हैं कि रोकथाम उपचार से बेहतर है। हमें निरोधात्मक तथा बीमारी आधारित जरूरतों के लिए सर्वांगीण मॉडल तैयार करना होगा। मुझे उम्मीद है कि इस सम्मेलन में विश्व भर के प्रबुद्धजनों के विचार-विमर्श से मुख संबंधी स्वास्थ्य देखभाल का मॉडल सामने आएगा, जिससे लोगों की जरूरतें पूरी की जा सकेंगी तथा मुख संबंधी स्वास्थ्य देखभाल वास्तव में वहनीय और सुलभ हो सकेगी।
12. सूचना तथा ज्ञान को बांटना और दक्षता तथा अनुभव का आदान-प्रदान सफल दंत चिकित्सा पेशे की पहचान है। यह सम्मेलन एक ऐसा वैश्विक मंच प्रदान कर रहा है तथा मुझे विश्वास है कि आप मुंह संबंधी स्वास्थ्य सेवा के उभरते मुद्दों पर विचार विमर्श के इस अवसर का उपयोग करेंगे। मैं इस सम्मेलन की सिफारिशों की उत्सुकता से प्रतीक्षा करूंगा। मैं वार्षिक विश्व दंत चिकित्सक सम्मेलन की सफलता तथा सभी प्रतिभागियों की भारत में सुखद और यादगार प्रवास की कामना करता हूं।
धन्यवाद,
जयहिंद!