होम >> अभिभाषण >> अभिभाषण विस्तार

लाइबेरिया गणराज्य की राष्ट्रपति, महामान्या सुश्री एलेन जान्सन सरलीफ को वर्ष 2012 के लिए इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण तथा विकास पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

नई दिल्ली : 12.09.2013



यह मेरे लिए सौभाग्य और सम्मान की बात है कि मैं लाइबेरिया में शांति, लोकतंत्र, विकास, सुरक्षा तथा व्यवस्था की वापसी सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2012 का इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण तथा विकास पुरस्कार राष्ट्रपति एलेन जान्सन सरलीफ को, अफ्रीका और अन्य स्थानों पर बहुत सी महिलाओं के लिए एक उदाहरण और प्रेरणा के रूप में कार्य करने के लिए तथा लाइबेरिया में शांति, लोकतंत्र, विकास, सुरक्षा तथा व्यवस्था की वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रदान कर रहा हूं।

यह पुरस्कार जो हमारी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम पर स्थापित किया गया था, उनके उन मूल्यों की स्मृति में है, जिनके लिए वह हमारे देश तथा इसके लोगों के लिए डटी रही और लड़ी। श्रीमती गांधी ने भारत का भविष्य तय करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। निर्धनों और वंचितों के प्रति अपनी चिंता में वे अटल थी और उन्होंने उनके लिए दुर्लभ लगन के साथ लड़ती रही। वह विश्व शांति, निष्पक्ष आर्थिक व्यवस्था तथा निरस्त्रीकरण की योद्धा थी। इसलिए उपयुक्त ही है कि इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार उन्हें सम्मानित करता है जिन्होंने शांति, निरस्त्रीकरण—जो इंदिरा जी को बहुत कप्रय थे तथा विकास के लिए महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। वह सही मायने में बीसवीं सदी की सबसे उल्लेखनीय हस्तियों में से एक थी।

मादाम राष्ट्रपति, लाइबेरिया में दशकों तक स्वतंत्रता, न्याय तथा समानता की लड़ाई के बाद आपने सुशासन की संस्थाओं को सशक्त करके तथा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में फिर से जान डालकर, राष्ट्रीय उम्मीद को पुनर्जीवित किया। आपकी पहलकदमियों के कारण आपको कैद तथा निर्वासन भोगना पड़ा, परंतु ये आपको शांति, न्याय और समानता के पक्ष में बोलने से नहीं डिगा सके। किसी अफ्रीकी देश का नेतृत्व करने के लिए निर्वाचित प्रथम महिला के रूप में, राष्ट्रपति सरलीफ सभी महिलाओं और वास्तव में जागरूक, सशक्त तथा उपयोगी शहरियों के विकास में सक्षम शांतिपूर्ण और समृद्ध समुदायों के निर्माण के लिए उत्सुक और इसके लिए कार्य करने वाले हम जैसे सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं। उनके असाधारण नेतृत्व और उल्लेखनीय दूरदृष्टि ने उन्हें प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार सहित अंतरराष्ट्रीय सम्मान दिलाया है।

राष्ट्रपति सरलीफ अफ्रीका में संघर्ष के समाधान, सौहार्द, शांति तथा लोकतंत्र की एक बुलंद आवाज रही हैं। लाइबेरिया की अपनी सीमाओं से परे उनके यही आदर्श आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता के महत्त्वपूर्ण साधन के रूप में, बेहतर क्षेत्रीय एकीकरण की दिशा में उनके प्रयासों का आधार तैयार करते हैं।

शांति तथा विकास एक-दूसरे से एकदम निकट से जुड़ी हुई दो संकल्पनाएं हैं और निर्धनता, भूख, असमानता, हिंसा तथा युद्ध के दुश्चक्र को तोड़ने के लिए जरूरी हैं। लाइबेरिया, जो कि अफ्रीका का सबसे प्राचीन गणराज्य है। देश में भारी हिंसा तथा खून खराबे की स्याह रात से निकलकर, अब स्थाई शांति के दसवें वर्ष में है। भारत को लाइबेरिया में शांति रक्षा कार्यों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने का सौभाग्य मिला है। भारत वह पहला देश था, जिसने किसी शांति रक्षा मिशन पर केवल महिलाओं की पुलिस टुकड़ी भेजी थी, जिसे लाइबेरिया में तैनात किया गया था। मादाम राष्ट्रपति, मुझे स्मरण है कि 2011 में इस संपूर्ण महिला भारतीय टुकड़ी के आगमन के दौरान आपने घोषणा की थी कि उनसे प्रेरणा लेकर आपकी सरकार ने अपनी सुरक्षा सेनाओं में बीस प्रतिशत महिलाओं की नियुक्ति करने का लक्ष्य रखा है।

भारत और अफ्रीका के बीच सभ्यतागत संपर्कों, मैत्री तथा सहयोग का लंबा इतिहास है। अफ्रीका के साथ भारतीय सहयोग में मानव संसाधन विकास तथा क्षमता निर्माण सहायता को प्रमतुखता दी गई है क्योंकि यह लोगों को खुद अपने भविष्य का निर्माता बनने के लिए योग्य तथा सशक्त बनाते हैं। भारत-अफ्रीका फोरम समिट हमारी मित्रता को एक नया मंच उपलब्ध कराता है। यह साझीदारी हमारे अफ्रीकी साझीदार की परिकल्पना तथा प्राथमिकताओं द्वारा निर्देशित है तथा यह समानता, आपसी सम्मान तथा परस्पर लाभ के बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित है। भारत, संस्थाओं के निर्माण, अवसरंचना विकास तथा तकनीक और व्यावसायिक कौशल विकास आदि के माध्यम से अपना खुद का रास्ता तय करने के अफ्रीका के प्रयासों में सहायता देना रहेगा। मादाम राष्ट्रपति, आप प्राय: कहती रही हैं कि लाइबेरिया के युवाओं को शिक्षा ग्रहण करने तथा रोजगार प्राप्त करने के अवसर मिलने चाहिए। लाइबेरिया के साथ हमारे विकासात्मक सहयोग की साझीदारी आपकी अपनी प्राथमिकताओं के अनुरूप है। आज, जबकि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य डांवाडोल है, दक्षिण-दक्षिण सहयोग का खास महत्त्व हो जाता है।

उभरती अर्थव्यवस्थाओं के तौर पर भारत और अफ्रीका में काफी कुछ समानता है। इसके कारण हमारे बीच साझीदारी निर्मित होने के लिए स्वाभाविक तालमेल उपलब्ध होता है। हम ऐसी साझीदारी की परिकल्पना करते हैं जो समानता, आपसी सम्मान तथा परस्पर लाभ के बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित हो।

भारत और लाइबेरिया के बीच बहुत पुराने समय से मैत्री तथा सहयोग के संबंध रहे हैं। हम लाइबेरिया की जनता के लिए स्थिरता, आर्थिक विकास तथा लोकतांत्रिक शासन की दिशा में राष्ट्रपति सरलीफ के प्रयासों में उनके साथ हैं। राष्ट्रपति सरलीफ को यह पुरस्कार प्रस्तुत करते हुए हम लाइबेरिया की जनता तथा उनके साहस और शक्ति का भी सम्मान कर रहे हैं।

धन्यवाद।