होम >> अभिभाषण >> अभिभाषण विस्तार

भारत-घाना व्यापार मंच समारोहों में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

अकारा, घाना : 13.06.2016



1. मुझे यहां आकर प्रसन्नता हुई है। घाना भारत का एक विश्वसनीय मित्र है। हमारे दोनों देशों का एक जैसा राजनीतिक इतिहास रहा है और आज विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हमारी अपनी जनता के प्रति साझी संकल्पना है। भारत घाना की मैत्री को महत्वपूर्ण मानता है तथा घाना के सतत विकास और प्रगति के लक्ष्य प्राप्त करने में साझीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध है।

देवियो और सज्जनो,

2. मुझे प्रसन्नता है कि हमारे अग्रणी व्यापार चैंबर-भारतीय उद्योग परिसंघ तथा एसोसिएशन ऑफ घाना इंडस्ट्रीज और घाना चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने आज इस बैठक का मिलकर आयोजन किया है।

3. भारतीय कारोबारियों और उद्यमियों को इस देश के साथ अपने लंबे साहचर्य तथा अपने एक समान अनुभवों से पता है कि घाना के उनके समकक्ष क्या चाहते हैं। वे आपकी तरह स्वतंत्रता के बाद के भारत के सुरक्षित व्यापार वातावरण से बाहर आए हैं और विश्व की सर्वोत्तम कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्द्धा करते हुए,उन्होंने आज एक विशाल रूप ग्रहण करने में सफलता प्राप्त की। वे विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के सम्मुख चुनौतियों से परिचित हैं।

4. भारत उन कुछ देशों में से है जहां रोजगार पैदा करते हुए तथा एक ओर,धन का वितरण तथा दूसरी ओर, अवसंरचना विकास, स्वदेशीकरण और विदेशी व्यापार संबंध सुनिश्चित करते हुए विशाल आकार वाले उद्यमों के साथ लघु और मध्यम उद्यम फल-फूल रहे हैं।

5.भारतीय उद्यमी जानते हैं कि विकासशील देशों को ऐसी प्रासंगिक और पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियां चाहिए जो उस देश की आर्थिक विकास की स्थिति और उसकी सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप हों। हमें ज्ञात है कि आकलित विदेशी निवेश विकासशील राष्ट्र के तीव्र विकास की पूंजी हैं। भारतीय कारोबार ने ढालने की योग्यता सीख ली है और उन्हें अपने घाना के समकक्षों के साथ अनुभव बांटने में खुशी होगी।

6.ब्रांड इंडिया आज विकासशील और विकसित दुनिया में एक विश्वसनीय नाम है क्योंकि यह मेजबान देश के संसाधनों का मूल्य संवर्धन करता है;इसका स्वागत किया जाता है क्योंकि यह स्थानीय कंपनियों के साथ मिलकर कार्य करता है और आगे बढ़ता है;यह ऐसी उपयुक्त प्रौद्योगिकियां लेकर आता है जो रोजगार पैदा करती हैं और जिनमें स्थानीय प्रतिभाओं को आत्मसात करने की अनुकूलता होती है;यह किसी भी तरह से स्थानीय उद्योग के विकास को बाधित किए बिना इन्हें सशक्त और उनमें ऊर्जस्वित बनाता है।

7.मित्रो, अपनी ओर से घाना इस भारतीय अनुभव से अपरिचित नहीं है। भारतीय कारोबार और निवेश लंबे समय से घाना में विद्यमान रहा है तथापि गुंजायश अत्यधिक है जिसमें निवेश और व्यापार दोनों के मामले में विकास करने की पर्याप्त क्षमता है। यदि अनुकूल वातावरण निर्मित किया जाए तो भारत सरकार साझे हितों के प्रमुख क्षेत्रों में आपके साथ काम करने तथा घाना में और अधिक निवेश करने के लिए भारतीय निजी और सार्वजनिक उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार है। मुझे विश्वास है कि ब्रांड इंडिया के प्रतिनिधि परस्पर लाभकारी साझीदारियां स्थापित करने के लिए घाना के कारोबार और उद्योग के साथ संपर्क करेंगे। मुझे विश्वास है कि दोनों पक्ष उस संभावना और सहयोग की पहचान करेंगे जिन्हें प्रयोग किया जाना बाकी है।

8.मित्रो, मुझे यह उल्लेख करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमारा द्विपक्षीय व्यापार घाना के पक्ष में है। यद्यपि मैं घाना के उद्यमियों को प्रोत्साहित करना चाहूंगा कि वे भारत को अपने निर्यात में विविधता और विस्तार लाएं। गत वर्ष अक्तूबर में नई दिल्ली में तृतीय भारत अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने अफ्रीका की विविध परियोजनाओं तथा क्षमता निर्माण प्रयासों के लिए10 बिलियन अमरीकी डॉलर निर्धारित किए थे। भारत सरकार घाना में इस निधि के उपयोग के लिए परियोजनाओं की पहचान करने हेतु घाना के साथ कार्य करने की उम्मीद करती है।

9.जहां कहीं भी सार्वजनिक-निजी साझीदारियों की संभावना होगी भारत सरकार हमारे दोनों देशों के शानदार द्विपक्षीय संबंधों को और घनिष्ठ बनाने के लिए ऐसी परियोजनाओं को सहयोग देने में पीछे नहीं हटेगी।

10. प्यारे मित्रो,मुझे यह जानकर उत्साह प्राप्त हुआ है कि घाना के कारोबारी समय-समय पर भारतीय उद्योग परिसंघ तथा भारत के आयात-निर्यात बैंक द्वारा आयोजित भारत अफ्रीका साझीदारी समारोहों के नियमित प्रतिभागी हैं।2010में राष्ट्रपति महामा ने उपराष्ट्रपति के रूप में स्वयं घाना के शिष्टमंडल का नेतृत्व किया था। घाना के वर्तमान उपराष्ट्रपति श्री अमीशा आर्थर ने मार्च2016 के सबसे नवीनतम साझीदारी शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। दोनों तरफ के निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को अपनी परस्पर आर्थिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए दोनों सरकारों की आकांक्षा और प्रतिबद्धता का लाभ उठाना चाहिए।

11. भारत-घाना संबंध राजनीतिक विचाराधाराओं और भौगोलिक सीमाओं को पार कर चुके हैं। भारत सरकार अपनी संसाधन विवशताओं के बावजूद अनुदान और ऋण के माध्यम से घाना को सहयोग देता रहा है। हमारे आर्थिक सहयोग को सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं द्वारा आगे बढ़ाया जा सकता है। घाना सरकार तथा घाना निवेश संवर्द्धन परिषद जैसे संगठनों की सक्रिय भागीदारी से हम निवेश करने के लिए भारतीय निजी क्षेत्र हेतु व्यवहार्य परियोजनाओं की मिलकर पहचान कर सकते हैं। भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियां अफ्रीका के अनेक देशों में सक्रिय और सफल हैं तथा उन्हें घाना जैसे मित्र देश में आकर अति प्रसन्नता होगी। वे जानते हैं कि घाना ऐसा पहला उपसहारा वाला राष्ट्र है जो एक कम मध्यम आय देश बनने की ओर अग्रसर है। भारतीय निजी क्षेत्र घाना के शांत,सुरक्षित और स्थिर माहौल की सराहना करता है जो कि किसी भी निवेशक के लिए एक महत्वपूर्ण जरूरत है। भारतीय निजी क्षेत्र वित्तीयन क्षमता तथा उपयुक्त प्रौद्योगिकियों से युक्त है। वे परस्पर लाभ के लिए साझीदारों के रूप में घाना के समकक्षों के साथ कार्य करने के लिए तत्पर हैं।

12. इन्हीं शब्दों के साथ,एक बार पुन: मैं आप सभी को आपके आदर सत्कार तथा राष्ट्रपति महामा की गरिमामयी उपस्थिति और एकजुटता के लिए धन्यवाद करता हूं।