देवियो और सज्जनो,
हिंदी दिवस के अवसर पर आप सबको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। इस समारोह में आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।
2. भारत विविधताओं का देश है। यहां अनेक भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं। हिंदी आम-आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, सुभाषचंद्र बोस, राजगोपालाचारी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आजाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे महान राष्ट्र निर्माताओं ने हिंदी के माध्यम से आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी। महान स्वतंत्रता सेनानी, आचार्य केशवचन्द्र सेन ने सन् अठारह सौ पचहत्तर में ही ‘सुलभ समाचार’ में लिखा था—‘‘अपनी बात को इस देश में आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने का सरलतम मार्ग है, हिंदी। ...क्योंकि हिंदी भारत के जन-सामान्य की आत्मा में बसती है।’’
देवियो और सज्जनो,
3. देश के विकास के लिए सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सामाजिक कल्याण और विकास के कार्यक्रमों की सफलता भाषा पर निर्भर करती है। सरकार की योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंचाने में हिंदी का विशेष योगदान है। इसलिए, हमें हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहिए।
4. किसी भी भाषा का विकास उसके साहित्य पर निर्भर करता है। इसके लिए जरूरी है कि हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में उच्च कोटि के साहित्य का सृजन किया जाए। तकनीकी विषयों की पुस्तकों को भी सरल एवं सुगम भाषा में उपलब्ध कराना होगा तथा अंग्रेजी में प्रचलित इन पुस्तकों का हिंदी तथा भारतीय भाषाओं में अनुवाद कराना होगा। इस दिशा में हमारे विश्वविद्यालय अहम् भूमिका निभा सकते हैं। अभी कुछ ही समय पूर्व, मुझे मध्य प्रदेश में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने का सुअवसर मिला था। मुझे विश्वास है कि हमारे ऐसे शिक्षा संस्थान हिंदी में साहित्य एवं शोध को बढ़ावा देंगे।
देवियो और सज्जनो,
5. आज का युग सूचना तकनीक का युग है। इंटरनेट की सहायता से सूचनाओं का अदान-प्रदान तेजी से हो रहा है। हमें, इंटरनेट में हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं के प्रयोग को बढ़ाने के लिए एकजुट होकर कार्य करना होगा। मुझे बताया गया है कि राजभाषा विभाग ने इंटरनेट पर हिंदी सीखने तथा हिंदी अनुवाद की सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। मुझे खुशी है कि अब सरकारी विभागों की वेबसाइटें हिंदी में भी उपलब्ध हैं। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में इंटरनेट के माध्यम से हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए हम और अधिक प्रयास करेंगे।
6. भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान, मेडिकल साइंस, इंजीनियरी आदि में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि प्राप्त की है। दुनिया के छोटे-बड़े अनेक देश अब भारत से इन क्षेत्रों में सहयोग ले रहे हैं। परंतु इन उपलब्धियों का अधिक लाभ हमारे देश के दूरगामी क्षेत्रों तक पहुंचाने की जरूरत है। इससे अशिक्षा तथा अंधविश्वास को मिटाने में और विकास को दूरदराज के इलाकों तक ले जाने में मदद मिलेगी। हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग करते हुए यह कार्य आसानी से हो सकता है।
देवियो और सज्जनो,
7. भारत सरकार द्वारा हिंदी को विश्व-भाषा के रूप में स्थापित करने का प्रयास भी किया जा रहा है। वर्धा में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय तथा मॉरीशस में विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना ऐसे ही कुछ प्रयास हैं। विदेशों में बसे भारतीय मूल के प्रवासियों द्वारा भी हिंदी को विश्व-भाषा बनाने की दिशा में सहयोग दिया जा रहा है। हम सभी का यह प्रयास होना चाहिए कि हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की मान्य भाषा का दर्जा जल्दी से जल्दी प्राप्त हो।
8. अंत में, मैं सभी पुरस्कार विजेताओं को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई देता हूं। मुझे उम्मीद है कि ये पुरस्कार हमें हिंदी में अधिक से अधिक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। हिंदी दिवस के इस आयोजन के लिए मैं, राजभाषा विभाग को बधाई देता हूं।
9. मैं, कवि-गुरु रवीन्द्रनाथ ठाकुर के शब्दों को दोहराते हुए अपनी बात समाप्त करना चाहूंगा। गुरुदेव ने कहा था, ‘‘भारत की सब प्रांतीय बोलियां अपने घर में रानी बन कर रहें... और आधुनिक भाषाओं के हार की मध्यमणि हिंदी भारत-भारती होकर विराजती रहे।’’
धन्यवाद,
जय हिंद!