महामहिमगण,
श्रीमती पुओस्कारी, सिटी काउंसिल की अध्यक्षा,
श्री युस्सी पायुनेन, हेलसिंकी के महापौर,
श्री तातु राऊहामाकी, सिटी बोर्ड के अध्यक्ष,और
विशिष्ट देवियो और सज्जनो,
आपके भावपूर्ण शब्दों के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं।
मेडल ऑफ ऑनर ऑफ हेलसिंकी को प्राप्त करना मैं बड़े सम्मान की बात समझता हूं।
सर्वप्रथम, मैं हेलसिंकी सिटी काउंसिल द्वारा किए गए मेरे हार्दिक स्वागत के लिए आपको धन्यवाद देता हूं।
मैं यहां आकर विशेष प्रसन्नता महसूस कर रहा हूं - खासकर इसलिए क्योंकि26 वर्षों के अंतराल के बाद यह भारत के राष्ट्राध्यक्ष की पहली यात्रा है। महामहिम राष्ट्रपति के साथ मेरे विचार-विमर्श तथा फिनलैंड के नेतृत्व के साथ मेरी अन्य बैठकों ने मेरे इस विश्वास को पुन: प्रबल किया है कि भारत और फिनलैंड के बीच मैत्री और सहयोग के पारंपरिक भावनात्मक संबंध, भारत और फिनलैंड के लोगों के परस्पर लाभ के लिए,आने वाले समय में और भी घनिष्ठ और सुदृढ़ होंगे।
‘बाल्टिक सागर की पुत्री’, हेलसिंकी एक मनोरम और सुंदर शहर है। अपने आसपास,इस जीवंत शहर को देखने और इसकी अवसंरचना और क्षमताओं को देखकर मुझे यह एक अत्याधुनिक परंतु पर्यावरण-अनुकूल शहर दिखाई देता है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण बात है कि इसे2012 में वर्ल्ड डिजायन कैपिटल के रूप में चुना गया था,जिस इसी वर्ष इसने फिनलैंड की राजधानी के रूप में 200 वर्ष पूरे किए थे।
मुझे, इस शहर की सर्वोच्च निर्णयकारी निकाय की पीठ,इस ऐतिहासिक इमारत में आकर प्रसन्नता हो रही है। मैंने बहुत दिलचस्पी के साथ देखा है कि हेलसिंकी सिटी काउंसिल का बहुत लंबा इतिहास है और इसकी प्रथम बैठक1875 में हुई थी।
यह सम्मान प्रदान करके आप भारत की जनता को सम्मानित कर रहे हैं। महामहिम,स्थानीय स्व-शासन एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें भारत और फिनलैंड में काफी समानताएं हैं। भारत में,चार से पांच हजार वर्ष पहले के अपने प्राचीन इतिहास के दौरान,स्थानीय स्वशासन की परंपरा रही है। भारत के गांवों और शहरों में प्रशासनिक दायित्व निभाने और न्याय प्रदान करने के लिए निर्वाचित स्थानीय निकाय होते थे। हमारे संविधान में स्थानीय स्वशासन का प्रावधान है और जिसे आज हम पंचायती राज प्रणाली कहते हैं,उस प्रणाली ने प्रशासन और विकास की सफलतापूर्वक संचालित बुनियादी ईकाई के रूप में स्वयं को स्थापित कर लिया है।
सिटी काउंसिलों में देवियो और सज्जनो,आपके माध्यम से मैं हेलसिंकी के लोगों को संबोधित करते हुए,भारत द्वारा फिनलैंड की मैत्री को दिए गए महत्व पर जोर देना चाहूंगा। यद्यपि हमारी जनता के बीच महासागरों और महाद्वीपों की दूरी है परंतु उन्होंने अपने साझे मूल्यों के जरिए सफलतापूर्वक संबंध स्थापित किए हैं। हम दोनों मुक्त समाज हैं,हमारी लोकतंत्र, व्यक्तिगत स्वतंत्रता,कानून के शासन तथा मानवाधिकारों को कायम रखने की साझी प्रतिबद्धता है। हम शांति और परस्पर सम्मान के साथ जनता के सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांतों में दृढ़ विश्वास रखते हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारे साझे हित, सूचना प्रौद्योगिकी और इंजीनियरी के क्षेत्र में हमारी अनुपूरकताओं, जैव-प्रौद्योगिकी में हमारे सार्थक सहयोग तथा ध्रुवीय अनुसंधान, तेल अन्वेषण तथा स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा में आरंभ की गई संयुक्त परियोजनाएं हमारी जनता को परस्पर लाभदायक तरीके से निकट लेकर आई हैं।
हाल के वर्षों में, हमारा द्विपक्षीय सहयोग निरंतर बहुआयामी और गतिशील बनता गया है। हमने अपनी आर्थिक अनुपूरकताओं का सामंजस्य करना आरंभ कर दिया है तथा हमारे वैज्ञानिकों ने चाहे वह जैव-नैदानिकी का क्षेत्र हो अथवा तृतीय चरण के जैव-ईंधन या फिर भारत और फिनलैंड में लघु और मध्यम उद्यमों द्वारा वाणिज्यिक रूप से विकसित किए जा सकने वाले सामान्य नवान्वेषण हों,हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत रोचक परिणाम प्राप्त करने के लिए सफल साझीदारियां की हैं। हम भारत में फिनलैंड के उन उद्यमियों का स्वागत करते हैं जिन्होंने भारत में आधार स्थापित किए हैं और वहां कार्य कर रहे हैं। हम पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों के विकास में उनके योगदान को महत्वपूर्ण मानते हैं। यह वास्तव में हमारी सरकार की एक प्राथमिकता है तथा इस क्षेत्र में भारत-फिनिश सहयोग निश्चित रूप से बहुत संभावनाओं से भरा है।
भारत युवा जनसंख्या वाली एक पुरानी सभ्यता है: वर्तमान में हमारी65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष की आयु से कम की है। राष्ट्र निर्माण में प्रभावी भागीदारी के लिए उनके कौशल को बढ़ाना भारत सरकार की उच्च प्राथमिकता है। हम कौशल निर्माण के क्षेत्र में फिनलैंड के साथ सहयोग की उम्मीद रखते हैं। इस यात्रा के दौरान अनेक करारों और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। इससे भारत और फिनलैंड के प्रमुख शैक्षिक और वैज्ञानिक संस्थान महत्वपूर्ण सहयोग के लिए जुड़ेंगे तथा साझे हित के अनेक क्षेत्रों में संयुक्त कार्य को प्रोत्साहन मिलेगा। हम फिनलैंड के अनुभवों, सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों तथा सफल नवान्वेषण से बहुत कुछ सीख सकते हैं;हमारे वैज्ञानिकों और पेशेवरों के पास भी देने के लिए बहुत कुछ है।
देवियो और सज्जनो, हमें अपनी द्विपक्षीय साझीदारी से बहुत उम्मीदे हैं। यह स्पष्ट है कि भारत से भौगोलिक दूरी और यहां का ठंडा मौसम भी भारत के युवा पेशेवरों को आपके बीच रहने और काम करने से नहीं रोक पाए हैं। मैं उनका स्वागत करने तथा उनका जीवन सुगम बनाने के लिए फिनलैंड के लोगों को धन्यवाद देता हूं।
इन्हीं शब्दों के साथ, मैं आपको और आपके माध्यम से हेलसिंकी की मैत्रीपूर्ण जनता को उनकी निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए भारतवासियों की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
मादाम अध्यक्षा और सिटी काउंसिल के विशिष्ट पदाधिकारीगण, मैं इस अवसर पर आपको भारत की यात्रा का निमंत्रण देता हूं।
मैं एक बार पुन: इस महान शहर का सम्मान पदक प्रदान करने के लिए धन्यवाद देता हूं और हेलसिंकी के नागरिकों की उनके प्रयासों में सफल होने की कामना करता हूं।
देवियो और सज्जनो,
आइए हम सब मिलकर:-
- हमारे मेजबानों, महामहिमगण, अध्यक्षा, महापौर तथा हेलसिंकी सिटी काउंसिल के विशिष्ट सदस्यों के स्वास्थ्य,खुशहाली और सफलता,
- इस ऐतिहासिक शहर की जनता की सफलता,
- फिनलैंड की जनता की निरंतर प्रगति और समृद्धि, तथा
- भारत और फिनलैंड के बीच स्थाई मैत्री की कामना करें।
धन्यवाद।