1. मेरे और मेरे सहयोगियों के लिए इस प्रकार का सौहार्द और आतिथ्य आयोजित करने में सचमुच मुझे गौरव का अनुभव हो रहा है। इस राजभोज में नामिबिया के राष्ट्रपति के अभिभाषण को भारत और नामिबिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाएगा। मैं स्वयं को स्वैपो के संस्थापकों और नामिबिया के नेताओं की इस उपस्थिति के द्वारा सौभाग्यशाली समझता हूं जिन्होंने न केवल स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया बल्कि महत्वपूर्ण योगदान भी दिया ताकि नामिबिया की जनता और सरकार राष्ट्रमंडल में अपना आधिकारिक स्थान प्राप्त कर सकें।
महामहिम,
2. भारत और नामिबिया के बीच लंबे समय से चली आ रही मित्रता और सहयोग परस्पर विश्वास और समझ की दृढ़ता पर आधारित है। हमारे दोनों देश यद्यपि हिन्द महासागर द्वारा पृथक हैं,स्वतंत्रता के उपनिवेशी शोषण और संघर्ष के सामान्य अनुभव के द्वारा जुड़े हुए हैं। भारत को विश्वास है कि1947में उसकी स्वतंत्रता अपूर्ण ही रहती,यदि अफ्रीका के भाई उपनिवेशी शासकों द्वारा यातना सहते रहते। भारत इस देश की जनता और अन्य अफ्रीकी देशों के साथ उनके स्वतंत्रता आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा। हमें राजनयिक मिशन स्वैपो के आतिथ्य में प्रथम राष्ट्र होने में गर्व है। जब आपके वीरतापूर्वक संघर्ष के परिणामस्वरूप आपको स्वतंत्रता और स्वाधीनता मिली तो करोड़ों भारतीयों ने खुशी मनाई। भारत वह पहला देश था जिसमें1946में स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर दक्षिणी अफ्रीका के साथ मित्रता वहां व्याप्त रंगभेद के आधार पर,यह जानते हुए भी कि दक्षिणी अफ्रीका उस समय पर भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापार साझेदार था,संबंध स्थापित किए। नेल्सन मंडेला के शासन की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद ही यह बंधन नवीकृत हुआ।
3. भारत ने हर स्तर पर प्रगति और विकास की दिशा में राष्ट्र के मार्ग निर्देशन में नामिबियाई नेताओं की दूरदर्शिता और बुद्धिमानी की सराहना की है। डॉ. सैम निजोमा,नामिबिया के संस्थापक राष्ट्रपति की एक नेता और भारत के एक बड़े मित्र के रूप में सराहना की जाती है। नामिबिया की जनता के प्रबंधन को शांति,सुरक्षा और लोकतंत्र के नए युग में परिवर्तित करना उनको दिया गया सबसे बड़ा उपहार है। उनकी प्रिय विरासत को उनके काल्पनिक अग्रज,पूर्वज भूतपूर्व राष्ट्रपति पोहांबा द्वारा और भी अधिक रूप से समेकित किया गया। महामहिम,आपके योग्य नेतृत्व के अंतर्गत नामिबिया विकास के पथ पर अग्रसर है। आपके द्वारा धारित‘हरांबी प्रोस्पेरिटी प्लान’ने समेकित विकास,सामाजिक एकजुटता और नामिबिया में दीर्घस्थिरता को साकार करने के लिए एक नया और महत्वपूर्ण एजेंडा तय किया है। हम भारत में इस सिद्धांत का स्वागत करते हैं और इसकी महान सफलता की कामना करते हैं।
महामहिम,
4. भारत नामिबिया के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों में संवर्धन को उच्च महत्व देता है। हमारे दोनों देशों के विकासात्मक उद्देश्यों को साकार करने के लिए सतत प्रयास द्वारा हमारे दोनों देश निकटता से सहयोग कर रहे हैं। हमने मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण,सांस्कृतिक विनिमय,सांस्कृतिक आदान-प्रदान और शिक्षा और सहयोग क्षेत्र में निकट सहयोग पर हमारा ध्यान केंद्रित है। हम यह भी विश्वास करते हैं कि भारत के फ्लैगशिप कार्यक्रम जैसे स्किल इंडिया,मेक इन इंडिया,डिजिटल इंडिया और100 स्मार्ट सिटी नामिबिया में भी व्यावाहारिक मॉडल साबित हो सकते हैं। नामिबिया उच्च प्राकृतिक संसाधनों से युक्त है और खनिज की पर्याप्तता से पूरित है। उनका प्रभावी निष्कर्षण और पर्यावरण अनुकूल तरीकों के प्रयोग से मूल्य संवर्धन आपकी अर्थव्यवस्था के इस क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देगा। भारत हमेशा से इस दिशा में आपके उद्यम का एक विश्वसनीय भागीदार रहा है और रहेगा। हमारे समृद्धशाली द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंध इससे भी बड़ी क्षमता की याद दिलाते हैं जिसे साकार किया जाना है। भारत उन परियोजनाओं और पहलुओं के कार्यान्वयन के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है जिनकी हमने संयुक्त रूप से पहचान की है।
महामहिम,
5. आज के भूमंडलीकृत विश्व में भारत और अफ्रीका आकर्षण का केंद्र हैं। उनके ऊपर हमारे दोनों द्वीपों की शांति,सुरक्षा और सतत विकास के कार्य करने की संयुक्त जिम्मेदारी है। हमारा सामान्य दृष्टिकोण है कि संयुक्त राष्ट्र और इसके प्रधान घटकों में सुधार-जो कि द्वितीय विश्व युद्ध के मद्देनजर स्थापित किया गया था-अनिवार्य है। हम इस बात से सहमत हैं कि दोनों देशों को आज के परिवर्तित विश्व के प्रति अधिक चिंतनशील होने की आवश्यकता है ताकि वे आज के विश्व के सामने खड़ी जटिल चुनौतियों से प्रभावकारी रूप से निपट सकें। यह सचमुच विडंबना है कि संयुक्त राष्ट्र के सबसे प्रभावशाली संगठन सुरक्षा परिषद में भारत का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है जहां विश्व का हर छठा नागरिक निवास करता है। अफ्रीका का समस्त द्वीप भी सुरक्षा परिषद में प्रतिनिधि नहीं है। यह उपयुक्त समय है जब आज के विश्व की जमीनी हकीकत को सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यता प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
6. जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए और अन्य महत्वपूर्ण वैश्विक मामलों,जिनमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता है,से निपटने के लिए भारत नामिबिया के साथ मिलकर सामान्य प्रयास करने की उम्मीद करता है।
7. भारत एक स्थायी मित्र और विश्वसनीय साझेदार के रूप में क्षेत्र में प्रगति और विश्व शांति कायम करने में नामिबिया की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में नामिबिया के साथ कंधे से कंधा मिलकार चलने में सदैव गौरवान्वित महसूस करेगा।
8. महामहिम,इन शब्दों के साथ मैं एक बार फिर मुझे और मेरे शिष्टमंडल के सदस्यों के शानदार आतिथ्य के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। मैं इस अवसर पर आपके और मदाम जिगोंज के माध्यम से नामिबिया की जनता को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं।
देवियो और सज्जनो,
9. आइए हम सब मिलकरः
- महामहिम राष्ट्रपति,हेज जिंगोब और मदाम जिंगोब के स्वास्थ्य,खुशहाली और कुशलता,
- नामिबिया की जनता के कल्याण और समृद्धिः
- भारत और नामिबिया के बीच स्थाई मैत्री,की कामना करें।