बुरुंडी गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री पियरे नुकुरूनजीजा के सम्मान में आयोजित राज-भोज में राष्ट्रपति जी का अभिभाषण
नई दिल्ली : 18.09.2012
महामहिम राष्ट्रपति पियरे नुकुरूनजीजा
एवम् मादाम डेनिस बुकुमी नुकुरूनजीजा
मुझे, भारत की आपकी प्रथम राजकीय यात्रा पर, आपका तथा आपके शिष्टमंडल के सदस्यों का स्वागत करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है।
महामहिम,
2. भारत, बुरुंडी के साथ अपनी मित्रता को महत्त्वपूर्ण मानता है। भारत की आपकी यात्रा एक ऐसा अवसर है जबकि हमारी दोनों सरकारें उच्चतम स्तर पर मिल सकती हैं और विभिन्न पहलों को शुरू कर सकती हैं जिनसे हमारे लोग, एक-दूसरे के लिए लाभदायक कार्यक्रमों और भागीदारियों के द्वारा एक-दूसरे के और करीब आ पाएंगे। यह एक ऐसा अवसर है, जो हमें संसाधनों तथा विशेषज्ञता को साझा करने तथा जहां आप चाहते हैं वहां दक्षता का निर्माण करने के लिए, एक व्यापक सहयोग की नींव डालने तथा हमारे व्यापार तथा निवेश संबंधी क्षमता के सभी पहलुओं की समीक्षा का मौका देता है।
3. वर्ष 2009 में, नई दिल्ली में आपके दूतावास के खुलने के बाद से हमारे द्विपक्षीय सहयोग में महत्त्वपूर्ण बढ़ोत्तरी हुई है। हम इसकी पूरी क्षमता का उपयोग करने की दिशा में, आपके साथ सहयोग की अपेक्षा रखते हैं। आज जो संयुक्त घोषणा-पत्र जारी किया गया है, वह हमारी साझीदारी की भावी दिशा निर्धारित करता है।
महामहिम,
4. हम, आपके उन सफल प्रयासों की सराहना करते हैं जिनसे आपके लोगों को शांति तथा स्थायित्व प्राप्त हुआ है। मुझे विश्वास है कि निर्धनता तथा अल्प-विकास के विरुद्ध चलाए गए आपके अभियान में, आप उन लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएंगे जिन्हें आप प्राप्त करना चाहते हैं। भारत, विकास तथा प्रगति प्राप्त करने के प्रयासों में बुरुंडी के लोगों का साथ देने के लिए तत्पर और इच्छुक है।
5. हमारे दोनों देशों के बीच, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को और अधिक बढ़ाने की बहुत संभावनाएं हैं। आर्थिक सहयोग तथा निवेश के नए-नए क्षेत्र सामने आ रहे हैं। इन क्षेत्रों में, हमारे लोगों के आपसी लाभ के लिए व्यवस्थित प्रयास जरूरी हैं।
6. विशेषकर ऊर्जा, कृषि, अवसंरचना, खनिज तथा लघु-स्तरीय उद्योगों के विकास तथा क्षमता निर्माण में भारत के विकास संबंधी अनुभव, युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए बहुत उपयुक्त हैं। हम मानते हैं कि बुरुंडी के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए ये प्रासंगिक हो सकते हैं।
7. काबू जल विद्युत परियोजना भी इसी प्रकार, बुरुंडी में आपकी क्षमता निर्माण तथा अवसंरचना विकास के लिए आपकी सहायता करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मुझे खुशी है कि आज जिन द्विपक्षीय करारों पर हस्ताक्षर हुए हैं, उनमें से बहुत से इन प्रमुख सेक्टरों से संबंधित हैं, जिनमें ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य तथा औषधि शामिल हैं। बुरुंडी में बसे भारतीय, कम होने के बावजूद, इनमें से कई सेक्टरों में उत्साह के साथ जुड़े हुए हैं।
8. महामहिम, यह समय, आपके लिए राजनीतिक स्वाधीनता से आर्थिक विकास की दिशा में प्रस्थान का बहुत महत्त्वपूर्ण समय है। यह समय, भारत द्वारा अफ्रीका के प्रति अपनी नीतियों को फिर से व्यवस्थित करने तथा उन्हें फिर से सशक्त करने का भी समय है। हमने हाल ही में वर्ष 2008 और 2011 में दो, भारत-अफ्रीका शीर्ष सम्मेलनों का आयोजन किया है। इन शीर्ष सम्मेलनों में, अफ्रीका में तात्कालिक आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए, भारत ने कई परियोजनाओं की घोषणा की थी। इन शीर्ष सम्मेलनों से भारत को, बुरुंडी सहित अफ्रीकी देशों के साथ संबंध बढ़ाने का आधार मिला है। पिछले वर्ष मई में अदिस अबाबा में, पूर्वी अफ्रीकी समुदाय के मुखिया के रूप में, अफ्रीका-भारत फोरम के दूसरे शीर्ष सम्मेलन में आपके नेतृत्व से अच्छे परिणाम प्राप्त हुए।
महामहिम,
9. भारत को यह जानकर खुशी हो रही है कि पैन-अफ्रीकन-ई नेटवर्क परियोजना को बुरुंडी द्वारा उपयोगी पाया गया है। हमें प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा कृषि, विज्ञान तथा वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में सहायता देने तथा स्नातक-पूर्व तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्तियां प्रदान करने में खुशी हुई है तथा हम, जिस भी क्षेत्र में आप चाहें, आगे भी सहायता करने के लिए तैयार हैं। मैं समझता हूं कि हमने बुरुंडी के छात्रों के लिए छात्रवृत्तियों की संख्या में और वृद्धि की है तथा हमने क्षमता निर्माण के लिए शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करने पर सहमति व्यक्त की है।
महामहिम,
10. हम अफ्रीका के क्षेत्रीय क्रियाकलापों में आपके देश की बढ़ती हुई भूमिका की सराहना करते हैं। बुरुंडी, सोमालिया में शांति और स्थायित्व लाने के प्रयास में सक्रियता से जुड़ा रहा है। दारफुर में, चाड़ में तथा मध्य अफ्रीकी गणराज्य में शांति कायम करने में आपने दिल खोलकर सहयोग दिया है। हम आपसी हित के लिए, पूर्वी अफ्रीकी समुदाय के साथ अपने सहयोग को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं।
महामहिम,
11. भारत और बुरुंडी, संयुक्त राष्ट्र तथा गुटनिरपेक्ष आंदोलन जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का सहयोग करते रहे हैं। हम दोनों देश बहुलवाद, समावेशिता तथा समतापूर्ण विश्व-व्यवस्था के निर्माण के प्रति कटिबद्ध हैं। हमें विश्वास है कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार के हमारे प्रयासों का आप समर्थन करेंगे। विस्तारित सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के लिए हमारी उम्मीदवारी को आपके समर्थन का हम स्वागत करते हैं।
12. मुझे इसमें संदेह नहीं है कि आपकी मौजूदा यात्रा के दौरान, द्विपक्षीय सहयोग के जिन नए क्षेत्रों की पहचान हुई है, उनसे हम और दीर्घकालिक साझीदारी में बंधेंगे।
13. मैं बुरुंडी के लोगों के लिए, आपकी मौजूदा पहलों तथा भावी प्रयासों में आपकी सफलता की कामना करता हूं।
14. इन्हीं शब्दों के साथ,महामहिमगण, देवियो और सज्जनो, आइए, हम सब मिलकर :-
- महामहिम राष्ट्रपति पियरे नुकुरूनजीजा तथा महामान्या मादाम बुकुमी नुकुरूनजीजा के स्वास्थ्य, प्रसन्नता तथा खुशहाली की;
- बुरुंडी के लोगों की खुशहाली तथा समृद्धि की; और
- भारत तथा बुरुंडी के बीच स्थाई मैत्री की कामना करें।
एवम् मादाम डेनिस बुकुमी नुकुरूनजीजा
मुझे, भारत की आपकी प्रथम राजकीय यात्रा पर, आपका तथा आपके शिष्टमंडल के सदस्यों का स्वागत करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है।
महामहिम,
2. भारत, बुरुंडी के साथ अपनी मित्रता को महत्त्वपूर्ण मानता है। भारत की आपकी यात्रा एक ऐसा अवसर है जबकि हमारी दोनों सरकारें उच्चतम स्तर पर मिल सकती हैं और विभिन्न पहलों को शुरू कर सकती हैं जिनसे हमारे लोग, एक-दूसरे के लिए लाभदायक कार्यक्रमों और भागीदारियों के द्वारा एक-दूसरे के और करीब आ पाएंगे। यह एक ऐसा अवसर है, जो हमें संसाधनों तथा विशेषज्ञता को साझा करने तथा जहां आप चाहते हैं वहां दक्षता का निर्माण करने के लिए, एक व्यापक सहयोग की नींव डालने तथा हमारे व्यापार तथा निवेश संबंधी क्षमता के सभी पहलुओं की समीक्षा का मौका देता है।
3. वर्ष 2009 में, नई दिल्ली में आपके दूतावास के खुलने के बाद से हमारे द्विपक्षीय सहयोग में महत्त्वपूर्ण बढ़ोत्तरी हुई है। हम इसकी पूरी क्षमता का उपयोग करने की दिशा में, आपके साथ सहयोग की अपेक्षा रखते हैं। आज जो संयुक्त घोषणा-पत्र जारी किया गया है, वह हमारी साझीदारी की भावी दिशा निर्धारित करता है।
महामहिम,
4. हम, आपके उन सफल प्रयासों की सराहना करते हैं जिनसे आपके लोगों को शांति तथा स्थायित्व प्राप्त हुआ है। मुझे विश्वास है कि निर्धनता तथा अल्प-विकास के विरुद्ध चलाए गए आपके अभियान में, आप उन लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएंगे जिन्हें आप प्राप्त करना चाहते हैं। भारत, विकास तथा प्रगति प्राप्त करने के प्रयासों में बुरुंडी के लोगों का साथ देने के लिए तत्पर और इच्छुक है।
5. हमारे दोनों देशों के बीच, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को और अधिक बढ़ाने की बहुत संभावनाएं हैं। आर्थिक सहयोग तथा निवेश के नए-नए क्षेत्र सामने आ रहे हैं। इन क्षेत्रों में, हमारे लोगों के आपसी लाभ के लिए व्यवस्थित प्रयास जरूरी हैं।
6. विशेषकर ऊर्जा, कृषि, अवसंरचना, खनिज तथा लघु-स्तरीय उद्योगों के विकास तथा क्षमता निर्माण में भारत के विकास संबंधी अनुभव, युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए बहुत उपयुक्त हैं। हम मानते हैं कि बुरुंडी के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए ये प्रासंगिक हो सकते हैं।
7. काबू जल विद्युत परियोजना भी इसी प्रकार, बुरुंडी में आपकी क्षमता निर्माण तथा अवसंरचना विकास के लिए आपकी सहायता करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मुझे खुशी है कि आज जिन द्विपक्षीय करारों पर हस्ताक्षर हुए हैं, उनमें से बहुत से इन प्रमुख सेक्टरों से संबंधित हैं, जिनमें ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य तथा औषधि शामिल हैं। बुरुंडी में बसे भारतीय, कम होने के बावजूद, इनमें से कई सेक्टरों में उत्साह के साथ जुड़े हुए हैं।
8. महामहिम, यह समय, आपके लिए राजनीतिक स्वाधीनता से आर्थिक विकास की दिशा में प्रस्थान का बहुत महत्त्वपूर्ण समय है। यह समय, भारत द्वारा अफ्रीका के प्रति अपनी नीतियों को फिर से व्यवस्थित करने तथा उन्हें फिर से सशक्त करने का भी समय है। हमने हाल ही में वर्ष 2008 और 2011 में दो, भारत-अफ्रीका शीर्ष सम्मेलनों का आयोजन किया है। इन शीर्ष सम्मेलनों में, अफ्रीका में तात्कालिक आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए, भारत ने कई परियोजनाओं की घोषणा की थी। इन शीर्ष सम्मेलनों से भारत को, बुरुंडी सहित अफ्रीकी देशों के साथ संबंध बढ़ाने का आधार मिला है। पिछले वर्ष मई में अदिस अबाबा में, पूर्वी अफ्रीकी समुदाय के मुखिया के रूप में, अफ्रीका-भारत फोरम के दूसरे शीर्ष सम्मेलन में आपके नेतृत्व से अच्छे परिणाम प्राप्त हुए।
महामहिम,
9. भारत को यह जानकर खुशी हो रही है कि पैन-अफ्रीकन-ई नेटवर्क परियोजना को बुरुंडी द्वारा उपयोगी पाया गया है। हमें प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा कृषि, विज्ञान तथा वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में सहायता देने तथा स्नातक-पूर्व तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्तियां प्रदान करने में खुशी हुई है तथा हम, जिस भी क्षेत्र में आप चाहें, आगे भी सहायता करने के लिए तैयार हैं। मैं समझता हूं कि हमने बुरुंडी के छात्रों के लिए छात्रवृत्तियों की संख्या में और वृद्धि की है तथा हमने क्षमता निर्माण के लिए शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करने पर सहमति व्यक्त की है।
महामहिम,
10. हम अफ्रीका के क्षेत्रीय क्रियाकलापों में आपके देश की बढ़ती हुई भूमिका की सराहना करते हैं। बुरुंडी, सोमालिया में शांति और स्थायित्व लाने के प्रयास में सक्रियता से जुड़ा रहा है। दारफुर में, चाड़ में तथा मध्य अफ्रीकी गणराज्य में शांति कायम करने में आपने दिल खोलकर सहयोग दिया है। हम आपसी हित के लिए, पूर्वी अफ्रीकी समुदाय के साथ अपने सहयोग को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं।
महामहिम,
11. भारत और बुरुंडी, संयुक्त राष्ट्र तथा गुटनिरपेक्ष आंदोलन जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का सहयोग करते रहे हैं। हम दोनों देश बहुलवाद, समावेशिता तथा समतापूर्ण विश्व-व्यवस्था के निर्माण के प्रति कटिबद्ध हैं। हमें विश्वास है कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार के हमारे प्रयासों का आप समर्थन करेंगे। विस्तारित सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के लिए हमारी उम्मीदवारी को आपके समर्थन का हम स्वागत करते हैं।
12. मुझे इसमें संदेह नहीं है कि आपकी मौजूदा यात्रा के दौरान, द्विपक्षीय सहयोग के जिन नए क्षेत्रों की पहचान हुई है, उनसे हम और दीर्घकालिक साझीदारी में बंधेंगे।
13. मैं बुरुंडी के लोगों के लिए, आपकी मौजूदा पहलों तथा भावी प्रयासों में आपकी सफलता की कामना करता हूं।
14. इन्हीं शब्दों के साथ,महामहिमगण, देवियो और सज्जनो, आइए, हम सब मिलकर :-
- महामहिम राष्ट्रपति पियरे नुकुरूनजीजा तथा महामान्या मादाम बुकुमी नुकुरूनजीजा के स्वास्थ्य, प्रसन्नता तथा खुशहाली की;
- बुरुंडी के लोगों की खुशहाली तथा समृद्धि की; और
- भारत तथा बुरुंडी के बीच स्थाई मैत्री की कामना करें।