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भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी और सेंट जॉन एम्बुलेंस (भारत) की वार्षिक आम बैठक में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 18.11.2014



मुझे भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी तथा सेंट जॉन एम्बुलेंस (भारत) की वार्षिक बैठक में आपके बीच उपस्थित होकर वास्तव में बहुत खुशी हो रही है। सबसे पहले मैं, भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी तथा सेंट जॉन एंम्बुलेंस (भारत) का हार्दिक अभिनंदन करना चाहूंगा। मैं उनकी नि:स्वार्थ सेवा तथा भारतीय समाज के सभी हिस्सों में मानवतावादी कार्य के लिए उनको बधाई देता हूं। भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी तथा सेंट जॉन एंबुलेंस (भारत) को आज भारत में स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों का अग्रणी तथा आदर्श माना जाता है। मैं उन व्यक्तियों और संस्थाओं का भी अभिनंदन करना चाहूंगा जिन्हें आज जरूरतमंदों,बीमारों, असहायों, वृद्धों तथा इसी प्रकार के अन्य व्यक्तियों के प्रति दया और सेवा के प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया जा रहा है।

देवियो और सज्जनो,

2. जैसा कि हम जानते हैं, भारत के सबसे बड़े सांविधिक मानवतावादी संगठन रेड क्रॉस सोसायटी को भारत में 1920 में संसद के एक अधिनियम के द्वारा स्थापित किया गया था। यह अपनी 700 शाखाओं के माध्यम से विभिन्न धर्मार्थ कार्यों को अत्यंत समर्पण के साथ कर रहा है। इसे उन हजारों स्वयं सेवकों तथा सदस्यों का समर्थन मिलता है जो देश के विभिन्न हिस्सों में उनके कार्यक्रम और पहलों को कार्यान्वित करते हैं। मैं समझता हूं कि सेंट जॉन एंबुलेंस (इंडिया) के केंद्र 21 राज्यों और 3 संघ क्षेत्रों में फैले हुए हैं। भारतीय रेड क्रॉस 150 वर्ष पुराने इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ द रेड क्रॉस एंड रेड क्रीसेंटट सोसायटीज से संबद्ध है जिसके अन्य 188 देश सदस्य हैं।

3. पिछले कुछ महीनों में, भारत की जनता उत्तराखंड, ओडिशा, जम्मू कश्मीर तथा आंध्र प्रदेश के लोगों को बुरी तरह से प्रभावित करने वाली चार बड़ी प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त हुई है। इन आपदाओं ने उतनी ही तेजी से जनजीवन तथा रोजगारों को नष्ट किया है जितना इन स्थानों की अवसंरचनाओं तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को 1 भारतीय सेना तथा सिविल प्राधिकारियों को यह श्रेय जाता है कि वे हर बार मौके पर खरे उतरे हैं तथा उन्होंने प्रभावित लोगों के बचाव तथा पुनर्वास में बहादुरी से कार्य करते हुए नए मापदंड स्थापित किए। भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी ने भी जम्मू कश्मीर के लिए 5 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की सहायता भेजी तथा निकासी, राहत और प्रभावित समुदायों के लिए आश्रय उपलब्ध कराने में सहायता के लिए बहुत से स्वयं सेवकों को भेजा। मैं इस अवसर पर भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी उसके स्टाफ तथा सेवकों को उनके समर्पित तथा कारगर प्रयासों के लिए बधाई देना चाहूंगा।

4. अधिकांश उन्नत समाजों में सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों ने इस प्रकार की अप्रत्याशित घटनाओं के लिए यथासंभव तैयार रहने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं, जिन्हें आपदा कहा जाता है। पिछले वर्षों के दौरान, भारत ने भी अपने अनुभवों से सीखा है तथा इसी तरह के उपाय किए हैं। इस प्रकार जहां 1999 के महाचक्रवात में ओडिशा में 10,000 मौतें हुई थीं वहीं सरकार के द्वारा किए गए पूर्वोपायों के कारण ओडिशा तथा आंध्र प्रदेश में पिछले दो चक्रवातों में बहुत कम लोग हताहत हुए। हम आने वाले तूफानों के रास्ते में पड़ने वाले अधिकांश पशुओं, व्यक्तियों तथा संपत्तियों की हिफाजत तथा सुरक्षा प्रदान करने में सफल रहे। इस प्रकार, हमारे देश में प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वोपाय करने तथा उनके विध्वंशक प्रभावों को कम करने में हमारी सफलता हमारी प्रौद्योगिकी, क्षमता तथा योग्यता को दर्शाती है। भारत की इस उपलब्धि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूर्व चेतावनी तथा समय पर की गई कार्रवाई की जीत माना गया है।

5.तथापि, हमें मालूम है कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है और निर्बल लोगों को सबल बनाने की जरूरत है; उन्हें खुद के बचाव और सुरक्षा के लिए अधिक सक्षम बनाने की जरूरत है। अधिकाधिक समुदायों को रोगों के खतरे तथा प्रकृति की हानिकारक शक्तियों से मुक्त कराना होगा। इसके लिए सरकारी संस्थानों तथा सिविल समाज के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता होगी। अतिरिक्त स्वयंसेवकों तथा कौशल निर्माण से तथा आवश्यक राहत सामग्री का भंडारण करके और आपदा जोखिमों के दुश्प्रभावों में कमी लाते हुए सरकार, स्वैछिक सेवा समितियां तथा स्थानीय समुदाय अधिक तत्परता और दक्षता के साथ खतरे की जद में आने वाली आबादी की मदद कर सकते हैं।

6.यह रेड क्रॉस की एक अच्छी पहल है कि वे आपदा प्रबंधन तथा मानवीय सहायता के लिए अपने मानव संसाधन को सशक्त कर रहे हैं। प्रथम चिकित्सा प्रदाताओंके लिए भारतीय रेड क्रॉस की प्रमुख परियोजना, जिसका लक्ष्य सामुदायिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करना है, सही दिशा में एक अच्छा कदम है।

7.मुझे यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि भारतीय रेड क्रॉस द्वारा अपने कार्यक्रमों में युवाओं को भी शामिल किया जा रहा है तथा निरंतर और व्यवस्थित ढंग से विद्यार्थियों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ संपर्क किया जा रहा है।

8.स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में भारतीय रेड क्रॉस तथा सेंट जॉन एम्बुलेंस द्वारा विभिन्न लक्ष्य समूहों तथा हमारी आबादी के विभिन्न तबकों के बीच स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है। दवा पिलाने, टीकाकरण तथा निवारक उपचार आदि में सहायता संबंधी उनके कार्यक्रमों के बारे में सभी जानते हैं। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि रेड क्रॉस के राष्ट्रीय मुख्यालय द्वारा गैर-संचारी बीमारियों की रोकथाम के लिए आयुर्वेद तथा योग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। अपने 166 रक्त बैंकों के माध्यम से रेड क्रॉस पिछले दशकों के दौरान रक्त-दान का प्रयाय बन चुका है। मैं इस अवसर पर युवक एवं युवतियों का आह्वान करना चाहूंगा कि वे रेड क्रॉस के स्वैच्छिक रक्त दान में भाग लेने के लिए आगे आएं और इस प्रकार बहुत से लोगों की जान बचाएं।

9.मैं यह उल्लेख करना चाहूंगा कि भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी ने बेल्जियम रेड क्रॉस के सहयोग से साक्ष्य-आधारित प्राथमिक चिकित्सा के लिए भातरीय दिशानिर्देश जारी किए हैं। उनके द्वारा जारी किए गए संदर्भ दस्तावेज में भारतीय जरूरतों के अनुरूप बदलाव किए गए हैं तथा उसमें परंपरागत उपचार पद्धतियों का मान्यता दी गई है। यह एक ऐतिहासिक पहल है क्योंकि यह समुदाय-आधारित प्राथमिक चिकित्सा कार्यक्रम को विकसित करने का आधार बनेगा।

10.देवियो और सज्जनो, गांधी जी का मानना था कि, ‘खुद को पाने का सर्वोत्तम उपाय खुद को दूसरों की सेवा में खो देना है।मैं यहां उपस्थित सभी लोगों का आह्वान करता हूं कि इन शब्दों पर विचार करें। आइए, हम सभी इस दिशा में छोटा-बड़ा सहयोग देने पर गंभीरता से विचार करे तथा जनता की सेवा तथा रेड क्रॉस और सेंट जॉन एम्बुलेंस जैसे संगठनों के पुनीत प्रयासों में सहयोग और सहायता देने पर विचार करें।

इन्हीं शब्दों के साथ,मैं एक बार फिर माननीय स्वास्थ्य मंत्री, श्री जे.पी.नड्डा, डॉ एस.पी. अग्रवाल तथा भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी और सेंट जॉन एम्बुलेंस (भारत) के सभी पदाधिकारियों को बधाई देता हूं। मैं आपकी वार्षिक आम बैठक तथा आपके सभी भावी प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।

धन्यवाद