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संयुक्त तंजानिया गणराज्य के राष्ट्रपति के सम्मान में आयोजित राजभोज के अवसर पर माननीय राष्ट्रपति का अभिभाषण

राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 19.06.2015



महामहिम डॉ. जकाया म्रिशो कीक्वेटे,

संयुक्त तंजानिया गणराज्य के राष्ट्रपति,

मादाम सलमा कीक्वेटे,

विशिष्ट अतिथिगण,

राष्ट्रपति महोदय, भारत की प्रथम राजकीय यात्रा पर आज आपका स्वागत करना मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता और सौभाग्य का विषय है। मैं, भारत सरकार और जनता की ओर से आपका और मादाम सलमा कीक्वेटे तथा आपके शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यों का हार्दिक स्वागत करता हूं।

महामहिम, भारत की जनता तंजानिया को शानदार झीलों, समृद्ध वन्यजीव अभयारण्यों तथा बर्फ से ढके विशाल किलिमंजारो के देश के रूप में जानती है। हम शांति और सौहार्द के साथ रह रहे विनम्र और परिश्रमी लोगों के राष्ट्र के तौर पर तंजानिया की सराहना करते हैं। तंजानिया हमारे मन में अपने प्रतिष्ठित संस्थापक नेता म्वालिमू जूलियस न्येरेरे तथा भारत के संस्थापकों के साथ उनकी प्रगाढ़ मैत्री की मधुर स्मृतियां जगा देता है। विशेषकर हम दक्षिण-दक्षिण सहयोग में योगदान के लिए उन्हें याद करते हैं।

महामहिम, आपके नेतृत्व में, तंजानिया ने सराहनीय प्रगति की है। यह विश्व स्तर पर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में गौरवपूर्ण ढंग से शामिल है। हम तंजानिया में गरीबी और भूख कम करने में आपकी सफलता की प्रशंसा करते हैं। हम अपने क्षेत्र में शांति स्थापित करने के आपके कामयाब प्रयासों की सराहना करते हैं। भारत के अपने देश में तीव्र आर्थिक प्रगति और समावेशी विकास तथा अपने क्षेत्र की और अधिक तरक्की और समृद्धि के ऐसे ही लक्ष्य हैं। चिरकालीन संबंधों तथा अनेक समान हितों वाले दो ऊर्जावान राष्ट्र होने के कारण, हमारे संयुक्त प्रयास दक्षिण-दक्षिण सहयोग के प्रेरणाजनक उदाहरण हैं। भारत और तंजानिया की अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए साझी प्रतिबद्धता है। हम दोनों यह प्रयास करना चाहते हैं कि वैश्वीकरण के लाभ अधिक न्यायसंगत ढंग से प्राप्त किए जाएं। राष्ट्रपति महोदय,भारत बहुपक्षीय मंच पर तंजानिया के साथ अपने घनिष्ठ सहयोग को महत्वपूर्ण मानता है। हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि हमारे जैसे राष्ट्रों को यह सुनिश्चित करने का साझा ध्येय बना लेना चाहिए कि विश्व शासन की संस्थाएं हमारी चिंताओं पर ध्यान दें और विकासशील देशों की आकांक्षाओं को पूरा करें। हमने अन्य विकासशील देशों के साथ मिलकर, संयुक्त राष्ट्र और इसके प्रमुख संगठनों विशेषकर सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए पहल की है। हम, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की हमारी दावेदारी के प्रति आपके समर्थन के आभारी हैं।

महामहिम, मैं इस अवसर पर यह दोहराना चाहता हूं कि भारत अफ्रीका के साथ अपनी साझीदारी के लिए अत्यंत प्रतिबद्ध है। हम, अफ्रीका के लोगों को एक साझे लक्ष्य की ओर यात्रा में बंधु मानते हैं। मुझे 2008 में प्रथम भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन के सह-अध्यक्ष के रूप में भारत की आपकी विगत यात्रा याद है। अपनी स्थापना के बाद से, इस मंच ने विश्व के लगभग एक चौथाई भौगोलिक क्षेत्र और एक तिहाई लोगों के साझे हितों का प्रतिनिधित्व किया है। भारत को इस वर्ष अक्तूबर में नई दिल्ली में तीसरे भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन का आयोजन करने का सम्मान प्राप्त होगा। मुझे विश्वास है कि इस शिखर सम्मेलन से हमारे सभी लोगों के विकास, प्रगति और उन्नति के लिए नई पहलें और नवान्वेषी विचार सामने आएंगे। हमें इस आयोजन में तंजानिया की सक्रिय भागीदारी की उम्मीद है।

महामहिम, इन्हीं शब्दों के साथ, मैं एक बार पुन: आपका और मादाम सलमा कीक्वेटे का स्वागत करता हूं और भारत की अत्यंत सफल यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

विशिष्ट अतिथिगण,

देवियो और सज्जनो,

आइए हम सब मिलकर:

-महामहिम राष्ट्रपति जकाया कीक्वेटे और मादाम सलमा कीक्वेटे के अच्छे स्वास्थ्य और सफलता;

- संयुक्त तंजानिया गणराज्य की जनता की निरंतर प्रगति और समृद्धि; तथा

- भारत और तंजानिया की स्थायी मैत्री की कामना करें।

 

धन्यवाद।