1.मुझे वर्ष 2011 और 2012 के राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान) के विजेताओं के उल्लेखनीय प्रदर्शन को सम्मानित करने के लिए आपके बीच उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। ये पुरस्कार,खदानों में सुरक्षा मानक सुधारने के लिए खान प्रचालकों के बीच स्पर्द्धात्मक भावना को बढ़ावा देने के लिए 1983 में आरंभ किए गए थे। मैं खान सुरक्षा के क्षेत्र के उन सभी उल्लेखनीय प्रदर्शनकर्ताओं को बधाई देता हूं जिन्हें आज पुरस्कृत किया गया है।
देवियो और सज्जनो,
2.विगत कुछ दशकों के दौरान भारतीय खनन उद्योग में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। गहन यंत्रीकरण तथा नई प्रौद्योगिकी के प्रयोग से उत्पादन उच्च स्तर पर होने लगा है। हाल के वर्षों में प्रदर्शन में गिरावट के बावजूद2013-2014 में कोयला उत्पादन के 492 मिलियन टन तथा लौह अयस्क के 133 मिलियन टन होने का अनुमान था।2013-2014 में ईंधन, धात्विक और अधात्विक खनिज सहित सभी खनिजों का उत्पादन मूल्य का अनुमान रु.2.3 लाख करोड़ का था। खनिज क्षेत्र में भरपूर उत्पादन ने हमारे विकास उद्देश्यों की प्राप्ति में अत्यधिक योगदान दिया है।
3. कोयला और अन्य खनिजों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रमुख खनन कार्य निरंतर खनन प्रचालकों को आउटसोर्स किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र के कारोबार मॉडल के अनुसार उनसे कम लाभ पर कार्य करने की अपेक्षा की जाती है। कभी-कभी अल्पकालिक फायदों के लिए सुरक्षा मानकों में निवेश की अनदेखी की जाती है। पर्याप्त सुरक्षा सावधानियों के अभाव में खनन में,जो एक जोखिमपूर्ण उद्योग है, जिसे प्रकृति द्वारा निरंतर चुनौती दी जाती है,दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
4. एक सुरक्षित और बेहतर कार्य वातावरण औद्योगिक प्रगति का अपरिहार्य अंग है। कार्य से संबंधित दुर्घटनाओं,चोटों और व्यवसाय से जुड़े रोगों की प्रभावी रोकथाम से काफी मात्रा में सामाजिक-आर्थिक लाभ हासिल हो सकते हैं। खनन उद्योग के संगठनों को एक व्यापक दृष्टिकोण के माध्यम से संभावित सुरक्षा समस्याओं का सक्रिय समाधान ढूंढना चाहिए। ऐसी दुर्घटनाओं को बिलकुल सहन न करने की मूल्य प्रेरित प्रतिबद्धता के रूप में,खनन उद्योग में प्रतिक्रिया की संस्कृति के बजाय बचाव की संस्कृति की आवश्यकता है।
देवियो और सज्जनो,
5. सुरक्षा के क्षेत्र में, कानून;आत्म-विनियमन; सुरक्षा प्रबंधन में कामगार भागीदारी;तथा कार्यस्थल के जोखिम मूल्यांकन पर आधारित सुरक्षा प्रबंधन प्रणालियों की शुरुआत सहित एक बहु-स्तरीय कार्यनीति के परिणामस्वरूप मृत्युदर में निरंतर कमी आई है। इसके अलावा, खनन तक पहुंच,कामगारों और सामान के लिए परिवहन प्रणाली, परत नियंत्रण,भूमिगत कार्यों में हवा की आपूर्ति, खुदाई कार्यों के यंत्रीकरण तथा सुरक्षा उपकरणों को प्रयोग,बेहतर बचाव प्रक्रियाओं, बेहतर प्रशिक्षण तथा स्वास्थ्य निगरानी में दिखाई दे रहे सुधारों से,खनन सुरक्षा को सुधारों से लाभ हुआ है। हालांकि हमारा अभी शून्यक्षति के लक्ष्य तक पहुंचना बाकी है परंतु खनन सुरक्षा के प्रति दृष्टिकोण में इस बदलाव को उपयुक्त रूप से एक मूक क्रांति कहा जा सकता है।
6.तथापि, नई-नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। खनन कार्यों की व्यापकता,यंत्रीकरण की सघनता और विषम भू-खनन परिस्थितियों में खनन गतिविधियों के विस्तार के कारण व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रबंधन मुद्दों के और जटिल होने की संभावना है। व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा चुनौतियों से खनन तथा कारोबार दोनों स्तर पर निपटना होगा।
7.खनन उद्योग को व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा कार्यक्रमों के मानकीकरण,प्रभावी संचार उपकरणों का प्रयोग, उत्पादकता बढ़ाने के उपायों तथा समाज की अपेक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देना होगा। इन चुनौतियों को कम करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी समाधानों का अनुप्रयोग बढ़ाने की जरूरत है। एक व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली द्वारा कार्यगत जोखिम और देनदारियों को न्यूनतम करने,विनियामक अपेक्षाओं और ग्राहक की मांगों को पूरा करने, कारपोरेट छवि को सुधारने तथा स्पर्द्धात्मक बढ़त हासिल करने सहित महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
देवियो और सज्जनो,
8.खनन कार्य में आधुनिक प्रौद्योगिकी की शुरुआत से उत्पादकता और वित्तीय फायदों के अलावा सुरक्षा में भी सुधार हो सकता है। जिन खदानों ने आधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाई है उन्होंने अभी तक अलाभकारी समझे जाने वाले कम गुणवत्ता के भण्डार के विदोहन द्वारा अपने कारोबार का विस्तार किया है। इसी प्रकार, उन्होंने सुरक्षा के मामले में व्यापक प्रगति की है क्योंकि उन्नत प्रौद्योगिकी ने खनन कार्यों के सुरक्षा रूपरेखा को महत्वपूर्ण बना दिया है।
9.एक अन्य अहम कारक जिससे सुरक्षा मानक ऊंचे हो सकते हैं और दुर्घटनाएं रुक सकती हैं,खनन कार्यबल का प्रशिक्षण है। दुर्घटना मुक्त खनन के लिए एक प्रभावी उद्योगवार कौशल विकास तंत्र स्थापित करना होगा। इसके लिए,कार्य स्थल के माहौल, प्रौद्योगिकी और कार्यात्मक कौशल आवश्यकता के बीच परस्पर निर्भरता के बारे में समुचित जानकारी जरूरी है।
10.खनिज उत्पादन में वृद्धि की सरकारी पहलों के लिए विशाल कुशल जनशक्ति होनी चाहिए जिसके लिए आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं की जरूरत है। इसके साथ-साथ प्रशिक्षकों की मांग भी बढ़ेगी। खनिज उद्योग को खान कामगारों की क्षमता निर्माण और कौशल विकास के लिए विश्वस्तरीय केंद्रों की स्थापना करके इस अंतर को पाटने के लिए आगे आना चाहिए। ऐसे प्रशिक्षण से खान कामगारों को रोजमर्रा और गैर-रोजमर्रा के कार्यों में जोखिमों की पहचान तथा खतरों से बचाव के व्यावहारिक कौशल प्राप्त होंगे।
देवियो और सज्जनो,
11.कामगारों की सुरक्षा की चिंताओं पर सर्वोच्च कारपोरेट स्तर पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सुरक्षा और कर्मचारी का स्वास्थ्य न केवल कंपनी के मिशन का हिस्सा बल्कि उत्पादकता और लाभदेयर्ता के लक्ष्यों से अभिन्न अपनी कारोबार योजना का मूल तत्व होना चाहिए। मैं खनन कंपनियों के सर्वोच्च प्रबंधन से प्रभावी सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली आरंभ करने का आग्रह करता हूं।
12.महात्मा गांधी ने कहा था, ‘भविष्य उस पर निर्भर है,जो कार्य आप आज करते हैं।’ कामगारों का स्वास्थ्य और सुरक्षा,खनन उद्योग के सभी भागीदारों के लिए एक महत्वपूर्ण साझा कार्यक्रम होना चाहिए। सभी को हमारे खनिकों के लिए खान को सुरक्षित बनाने के लिए एकजुट होना चाहिए। मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में खान सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार होंगे।
13.मैं एक बार फिर सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हूं और प्रत्येक को उनके प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मैं इस उम्मीद के साथ अपनी बात समाप्त करता हूं कि राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान) हमारे खान कामगारों के व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों में सुधार के लिए उत्प्रेरक बनेंगे।
धन्यवाद,
जयहिन्द!