महामहिम सर माइकल ओगियो,
गवर्नर जनरल ऑफ पापुआ न्यू गिनिया,
महामहिम श्री पीटर ओ‘नील,पापुआ न्यू गिनिया के प्रधानमंत्री
महामहिम, विशिष्ट देवियो और सज्जनो,
पापुआ न्यू गिनिया के इस सुंदर देश में भारत के राष्ट्रपति द्वारा पहली राजकीय ऐतिहासिक यात्रा की करना मेरा सौभाग्य है। जब हम यहां पहुंचे हैं मैं पापुआ न्यू गिनिया की प्राकृतिक छवि के वैभव को देखकर में दंग रह गया।
मान्यवर, मैं आपके द्वारा मुझे और मेरे शिष्टमंडल के सदस्यों के हार्दिक आतिथ्य के लिए आपको धन्यवाद करते हुए अपनी बात आरंभ करता हूं। मेरे साथ डॉ. संजीव कुमार बालियान,कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री और भारत के अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों और अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय संसद के सदस्य हैं। मैं आपके आतिथ्य और आपके लोगों की मित्रता की शालीनता से बहुत प्रभावित हूं। हम भारत के लोगों की ओर से शुभकामनाएं और संबंधों को उत्साहित करने वाले गहन प्रतिबद्धता लेकर आए हैं।
मान्यवर, देवियो और सज्जनो,आंठवी शताब्दी ईस्वी भारतीय प्रथम बार पापुआ आए थे। उनका स्वागत मित्रवत किया गया। वे सदियों से यहां यात्रा करते रहे हैं-अनेक परिवार यहां पर बस गए,जो विकास और संवर्धन के लिए पापुआई लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं। आज उनमें से अधिक प्रतिशत अच्छे शिक्षित पेशेवर और व्यवसायिक हैं जिनके योगदान को महत्व दिया गया है और सराहा गया है। मैं इस अवसर पर आपको और आपकी जनता की आगामी पीढ़ी को धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होंने इस सुंदर भू-भाग में उन्हें आरामदायक और सुरक्षित महसूस कराया।
मान्यवर हमारे दोनों देश उपनिवेशी नियम के सामान्य अनुभव से जुड़े हुए हैं। स्वतंत्रता के बाद से हमने अपना-अपना मार्ग अपनाया और आर्थिक प्रगति की उपलब्धि के लिए अनेक कठिनाइयों को पार किया। अब हम शांति और सुरक्षा की समान वांछना,हमारे धर्म में खुशहाली और दीर्घकालिक विकास की प्राप्ति के लिए विश्वसनीय भागीदार के रूप में मिलकर कार्य करना चाहते हैं।
मान्यवर, देवियो और सज्जनो,भारत में 1970 नेखाद्य आयात से खाद्यान्न के उत्पादन में आत्मनिर्भर होने तक एक लंबी दूरी तय की है और अब यह एक निवल निर्यातक है। हमें यह उपलब्धि बीजों के उच्च उत्पादन की किस्मों के विकास और कृषि,डेरी और कुक्कुट कृषि और सुधारित तरीकों से प्राप्त हुई है। चाहे वह जटिल सॉफ्टवेयर हो और अंतरिक्ष तथा परमाणु ऊर्जा उद्योग के लिए उच्च परिशुद्धता उपकरण,या सूर्य और पवन से नवीकरण ऊर्जा के लिए प्रौद्योगिकी;आज हमने अग्रिम क्षमता को विकसित कर लिया है। ये लागत प्रभावी हैं और अपनी प्रभावोत्पादकता में किसी से कम नहीं हैं- जैसा कि चांद और मंगल के हमारे मिशनों ने प्रमाणित किया है। भारत पापुआ न्यू गिनिया के लोगों के साथ अपने अनुभव और ज्ञान और विशिष्टता को साझा करना चाहेगा।
मान्यवर आपके पास प्राकृतिक संसाधनों में उर्वरक मिट्टी,पर्याप्त भूमि और प्रचुर मात्रा में समुद्री संपदा है। हमारे सरकारी और निजी क्षेत्र आपकी गैस और तेल भंडारों में अन्वेषण के लिए अनुप्रवाह उद्योगों की स्थापना करने और आपकी बढ़ती हुई आर्थिक व्यवस्था के अलग-अलग क्षेत्रों में आवश्यक अवसंरचना के विकास के लिए कटिबद्ध हैं। हमारे पास देने के लिए बहुत कुछ है। इस समय-जब हम दोनों देशों के पास महासागर और समुद्री संसाधनों के स्थायी उपयोग की प्राथमिकता है,कई ऐसे अवसर हैं जिनका लाभ उठाया जाना चाहिए। इस क्षेत्र में वैश्विक आर्थिक व्यवस्था के गुरुत्वाकर्षण केंद्र का परिवर्तन साझे हितों के क्षेत्र में घनीभूत सहयोग के लिए दमदार कारण है। आइए हम‘सुलह कुल’और ‘वसुधैव कुटुंबकम’की परस्पर निकटता से बंध जाएं जैसा कि हमारे संपूरकों के निर्माण के लिए हमने निर्धारित किया है।
मान्यवर 2014 में इस क्षेत्र के अपने यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री,श्री नरेन्द्र मोदी ने हमारे देशों और हमारे लोगों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी के निर्माण के लिए मेरी सरकार के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया था। हम हमारी एक्ट इजी पॉलिसी के प्रमुख घटक के रूप में प्रशांत द्वीप के साथ सहयोग पर विचार करते हैं। प्रथम एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन में घोषित अनेक पहलों के अच्छे परिणाम आए हैं और भारत इस प्रक्रिया में प्रतिबद्ध है।
मान्यवर, मैं एक बार दुबारा आपको धन्यवाद देना चाहूंगा और कहूंगा कि मेरा यहां आना निजी तौर पर एक आनंद की स्थिति है। मैं इस अवसर पर आप सभी को और भारत में दूसरी यात्रा के लिए प्रधानमंत्री को भी हार्दिक रूप से आमंत्रित करता हूं।
धन्यवाद!
देवियो और सज्जनो, मैं आप सभी को यह कामना करने के लिए आमंत्रित करता हूं:
- गवर्नर जनरल सर माइकल ओगियो के स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए;
- पापुआ न्यू गिनिया की खुशहाली के लिए;और
- भारत और पापुआ न्यू गिनि के बीच दीर्घकालिक मैत्री के लिए।