तमन्ना विशेष स्कूल के विद्यार्थियों के साथ मुलाकात के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण के अंश
राष्ट्रपति भवन : 28.09.2012
तमन्ना की संस्थापक डॉ. श्यामा चोना तथा तमन्ना विशेष स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थीगण, मुझे आज यहां आपका स्वागत करते हुए प्रसन्नता हो रही है।
यह वास्तव में, एक विशेष अवसर है, क्योंकि इससे मुझे अलग तरह से सक्षम लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह से मिलने और उसे प्रोत्साहित करने का मौका मिला है।
तमन्ना विशेष स्कूल के विद्यार्थियो,
1. आप, साहस और संकल्प से भरे हुए अतिविशिष्ट बच्चे हैं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि तमन्ना में पाठ्यक्रम चुनौतीपूर्ण होगा परंतु मुझे विश्वास है कि यह आपके गुणों को विकसित करने और आपके कौशल को निखारने के लिए तैयार किया गया है। आप जो प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उससे आपको अपनी अभिरुचि के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद मिलेगी। इससे आप अनेक प्रकार के कौशल प्राप्त करेंगे और सबसे बढ़कर इससे आपको स्वावलंबी बनने में सहायता मिलेगी।
2. एक बार जब आप इस प्रकार की आत्मनिर्भरता प्राप्त कर लेंगे, तब दुनिया की कोई ताकत न तो आपको रोक पाएगी और न ही आपकी योग्यता व शिक्षा को छीन पाएगी। आपके पास आत्मसम्मान और आत्मविश्वास का वरदान होगा तथा समाज का एक उपयोगी सदस्य बनने की खुशी होगी।
3. मैं तमन्ना की संस्थापक, डॉ. श्यामा चोना और उनके कार्यकर्ताओं की समर्पित टीम के प्रयास की सराहना करता हूं। आपने मिलकर शिक्षा, प्रशिक्षण और सुलभता का एक व्यापक कार्यक्रम तैयार किया है और उसे विकसित किया है जो अब एक नेटवर्क के रूप में अनेक विशिष्ट केन्द्रों तक फैल चुका है।
4. मुझे ज्ञात है कि मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने 2003 में ऑटिज्म सेंटर का उद्घाटन किया था। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हो रही है यह अब बहुत सी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होकर काफी उन्नत हो गया है। मुझे यह भी जानकारी है कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय तथा दिल्ली सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग ने तमन्ना को मान्यता प्रदान की है और ये आपके कार्यकलाप व प्रयासों में सहायता कर रहे हैं।
5. मैं समझता हूं कि यहां विभिन्न आयु वर्गों, समाज के पिछड़े वर्गों के बच्चों के लिए एक सुनियोजित पाठ्यक्रम तथा अशक्त और बाहरी विद्यार्थियों के लिए ‘मुक्त’ स्कूली शिक्षा की व्यवस्था है। इसी प्रकार, इन बच्चों को ‘आवासीय स्वतंत्र प्रशिक्षण’ तथा यहां प्रदान की जा रही अच्छी डे केयर सुविधा भी है। मुझे यह जानकर भी प्रसन्नता हो रही है कि तमन्ना में बच्चों के मनोरंजन और रचनात्मकता के अवसर प्रदान करने का भी ध्यान रखा जाता है।
6. अभिभावकों और देख-भाल करने वालों का प्रशिक्षण भी सदैव महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि वे कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए अच्छे कार्य में सहयोग दे सकते हैं या उसे निष्फल कर सकते हैं। विशेष बच्चों को यथासंभव सहयोग कैसे दिया जाए, इस बारे में उन्हें जागरूक करने के लिए औपचारिक प्रशिक्षण बहुत आवश्यक है। मुझे विश्वास है कि तमन्ना द्वारा इस पहलू की ओर पूरा ध्यान दिया जा रहा होगा और उन्हें अपने काम को बेहतर ढंग से करने में मदद के लिए नियमित कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा होगा।
7. मैं सदैव इस बात पर बल देता हूं कि शिक्षण के साथ-साथ अनुसंधान और विभिन्न संस्थाओं के बीच सहयोग पर जोर देना चाहिए ताकि विचारों का नियमित आदान-प्रदान हो तथा ज्ञान और कौशल में सुधार हो सके।
8. शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना और निरंतर अपनी शिक्षण पद्धतियों को अद्यतन करते रहना जरूरी है। इसलिए मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आपने एक शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम आरम्भ किया है।
9. डॉ. चोना, मुझे अपने इन बच्चों और शिक्षकों में उच्च प्रेरणा व उत्साह दिखाई दे रहा है। आपकी संस्था ने एक ऐसा उच्च मानदंड स्थापित किया है जो दूसरों के लिए अनुकरणीय हो सकता है। मैं, आपके समर्पण और आपकी उपलब्धियों के लिए आपको बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि आपका संगठन निरंतर सफलता प्राप्त करता रहेगा क्योंकि आप विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों को सर्वांगीण विकासात्मक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
10. इन्हीं शब्दों के साथ, मैं यहां आगमन के लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूं और उज्ज्वल और सफल भविष्य के लिए आपको शुभकामनाएं देता हूं।
धन्यवाद,
जय हिंद!
यह वास्तव में, एक विशेष अवसर है, क्योंकि इससे मुझे अलग तरह से सक्षम लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह से मिलने और उसे प्रोत्साहित करने का मौका मिला है।
तमन्ना विशेष स्कूल के विद्यार्थियो,
1. आप, साहस और संकल्प से भरे हुए अतिविशिष्ट बच्चे हैं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि तमन्ना में पाठ्यक्रम चुनौतीपूर्ण होगा परंतु मुझे विश्वास है कि यह आपके गुणों को विकसित करने और आपके कौशल को निखारने के लिए तैयार किया गया है। आप जो प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उससे आपको अपनी अभिरुचि के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद मिलेगी। इससे आप अनेक प्रकार के कौशल प्राप्त करेंगे और सबसे बढ़कर इससे आपको स्वावलंबी बनने में सहायता मिलेगी।
2. एक बार जब आप इस प्रकार की आत्मनिर्भरता प्राप्त कर लेंगे, तब दुनिया की कोई ताकत न तो आपको रोक पाएगी और न ही आपकी योग्यता व शिक्षा को छीन पाएगी। आपके पास आत्मसम्मान और आत्मविश्वास का वरदान होगा तथा समाज का एक उपयोगी सदस्य बनने की खुशी होगी।
3. मैं तमन्ना की संस्थापक, डॉ. श्यामा चोना और उनके कार्यकर्ताओं की समर्पित टीम के प्रयास की सराहना करता हूं। आपने मिलकर शिक्षा, प्रशिक्षण और सुलभता का एक व्यापक कार्यक्रम तैयार किया है और उसे विकसित किया है जो अब एक नेटवर्क के रूप में अनेक विशिष्ट केन्द्रों तक फैल चुका है।
4. मुझे ज्ञात है कि मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने 2003 में ऑटिज्म सेंटर का उद्घाटन किया था। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हो रही है यह अब बहुत सी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होकर काफी उन्नत हो गया है। मुझे यह भी जानकारी है कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय तथा दिल्ली सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग ने तमन्ना को मान्यता प्रदान की है और ये आपके कार्यकलाप व प्रयासों में सहायता कर रहे हैं।
5. मैं समझता हूं कि यहां विभिन्न आयु वर्गों, समाज के पिछड़े वर्गों के बच्चों के लिए एक सुनियोजित पाठ्यक्रम तथा अशक्त और बाहरी विद्यार्थियों के लिए ‘मुक्त’ स्कूली शिक्षा की व्यवस्था है। इसी प्रकार, इन बच्चों को ‘आवासीय स्वतंत्र प्रशिक्षण’ तथा यहां प्रदान की जा रही अच्छी डे केयर सुविधा भी है। मुझे यह जानकर भी प्रसन्नता हो रही है कि तमन्ना में बच्चों के मनोरंजन और रचनात्मकता के अवसर प्रदान करने का भी ध्यान रखा जाता है।
6. अभिभावकों और देख-भाल करने वालों का प्रशिक्षण भी सदैव महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि वे कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए अच्छे कार्य में सहयोग दे सकते हैं या उसे निष्फल कर सकते हैं। विशेष बच्चों को यथासंभव सहयोग कैसे दिया जाए, इस बारे में उन्हें जागरूक करने के लिए औपचारिक प्रशिक्षण बहुत आवश्यक है। मुझे विश्वास है कि तमन्ना द्वारा इस पहलू की ओर पूरा ध्यान दिया जा रहा होगा और उन्हें अपने काम को बेहतर ढंग से करने में मदद के लिए नियमित कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा होगा।
7. मैं सदैव इस बात पर बल देता हूं कि शिक्षण के साथ-साथ अनुसंधान और विभिन्न संस्थाओं के बीच सहयोग पर जोर देना चाहिए ताकि विचारों का नियमित आदान-प्रदान हो तथा ज्ञान और कौशल में सुधार हो सके।
8. शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना और निरंतर अपनी शिक्षण पद्धतियों को अद्यतन करते रहना जरूरी है। इसलिए मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आपने एक शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम आरम्भ किया है।
9. डॉ. चोना, मुझे अपने इन बच्चों और शिक्षकों में उच्च प्रेरणा व उत्साह दिखाई दे रहा है। आपकी संस्था ने एक ऐसा उच्च मानदंड स्थापित किया है जो दूसरों के लिए अनुकरणीय हो सकता है। मैं, आपके समर्पण और आपकी उपलब्धियों के लिए आपको बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि आपका संगठन निरंतर सफलता प्राप्त करता रहेगा क्योंकि आप विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों को सर्वांगीण विकासात्मक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
10. इन्हीं शब्दों के साथ, मैं यहां आगमन के लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूं और उज्ज्वल और सफल भविष्य के लिए आपको शुभकामनाएं देता हूं।
धन्यवाद,
जय हिंद!