साइप्रस गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति,श्री निकोस अनास्तासीदेस,
साइप्रस के शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यगण,
देवियो और सज्जनो,
भारत की प्रथम राजकीय यात्रा पर राष्ट्रपति महोदय आपका और आपके शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यों का स्वागत करना अत्यंत प्रसन्नतादायक है।
भारत साइप्रस के साथ अपने उत्कृष्ट संबंधों को बहुत महत्व देता है। युवा राष्ट्रों के रूप में,जो साथ-साथ प्राचीन सभ्यताएं हैं,आज हम चिरस्थायी आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर आधारित ऐतिहासिक,व्यापक और बहुआयामी द्विपक्षीय विचार-विमर्श कर रहे हैं। उपनिवेशवाद के विरुद्ध आपके देश के समूचे संघर्ष के दौरान,भारत को आपको हार्दिक और ठोस समर्थन प्रदान करके प्रसन्नता हुई थी। साइप्रस गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति प्रख्यात आर्कबिशप मकारियोस और स्वतंत्र भारत के संस्थापक महात्मा गांधी और पंडित नेहरू एक दूसरे का अत्यधिक सम्मान किया करते थे। भारत ने निरंतर साइप्रस की स्वतंत्रता, संप्रभुता,क्षेत्रीय अखंडता और एकता तथा साइप्रस मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सहयोग दिया है और हम ऐसा करते रहेंगे। महामहिम,साइप्रस समस्या का एक स्थायी समाधान ढूंढने के आपके प्रयास वास्तव में सराहनीय हैं। भारत एक व्यवहार्य और न्यायसंगत समाधान खोजने के लिए साइप्रस वार्ता को अपना सुस्पष्ट समर्थन देने के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है। हमारी शुभकामनाएं साइप्रस सरकार और जनता के साथ हैं।
महामहिम,
बहुत से साझे मूल्यों से युक्त आधुनिक,स्वतंत्र और लोकतांत्रिक राष्ट्रों के रूप में,भारत और साइप्रस के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर एक समान विचार हैं। हम अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साझे उद्देश्य प्राप्त करने के लिए मिलकर बेहतर कार्य कर रहे हैं। भारत संवर्धित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अपनी स्थायी सदस्यता के उपयुक्त दावे के प्रति साइप्रस के निरंतर समर्थन की प्रशंसा करता है। भारत,एक सदस्य के रूप में, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में,प्रवेश को समर्थन के साइप्रस के प्रयासों के प्रति भी आभारी है।
हमारे दोनों देश अपने क्षेत्रों और विश्व में शांति और प्रगति के एक दूसरे के प्रयासों के समर्थक रहे हैं। अपने पूरे इतिहास में आक्रमण,आधिपत्य, संघर्ष और कष्ट सहन करते हुए,हम दोनों अपनी विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अपनी-अपनी जनता के लिए शांति और स्थिरता चाहते हैं। भारत आतंकवाद के सभी रूपों और इसकी अभिव्यक्तियों की निंदा करता है और मानता है कि हमारे जैसे जिम्मेदार राष्ट्रों को,तात्कालिक रूप से, लोकतांत्रिक,बहुलवादी और मुक्त समाज के ताने-बाने को कमजोर करने का प्रयास करने वाली उग्रवाद,आतंकवाद और अतिवाद की बुरी शक्तियों पर एकजुट होकर और व्यापक रूप से ध्यान देने के प्रयास करने चाहिए।
महामहिम, आपकी यात्रा अनेक प्रकार से समयोचित है- प्रमुखत: यह ऐसे समय में हो रही है जब हमारे राष्ट्र साझे हित के विभिन्न क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय सहयोग को तेज करने के लिए प्रयासरत हैं।
भारत, आपके नेतृत्व में साइप्रस की आर्थिक बहाली विशेषकर यूरोपीय संघ में विकास की तीव्रतम सकारात्मक दर पुन: प्राप्त करने की सराहना करता है। वर्तमान वर्षों में,सौभाग्यवश, भारत ने विश्व मंदी के बावजूद द्रुत आर्थिक प्रगति की है और लगभग7 प्रतिशत की संतुलित आर्थिक दर हासिल की है। हम‘भारत में निर्माण’ ‘कौशल भारत’जैसे अपने अग्रणी कार्यक्रमों का लाभ उठाने तथा भारत की विकास गाथा में शामिल होने के लिए मित्रों का स्वागत करते हैं। हमारा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र,हमारे नवीकरणीय ऊर्जा, प्राकृतिक गैस और हाइड्रोकार्बन,दीर्घकालीन पर्यटन और अवसंरचना तथा स्वास्थ्य एवं आरोग्य क्षेत्र भी साझीदारी और विदेशी निवेश के लिए खुले हुए हैं। संशोधित दोहरे कराधान वंचन समझौते पर हाल में किए गए हस्ताक्षर इस दिशा में एक श्रेष्ठ कदम है। महामहिम,मुझे विश्वास है कि आपकी राजकीय यात्रा असीम संभावनाओं के इन सभी क्षेत्रों में नई पहल करेगी।
इन्हीं शब्दों के साथ,मैं एक बार पुन: ग्रैंड कॉलर ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारिओस-III,जिसे भारत की जनता के नाम पर स्वीकार करने का मुझे सम्मान प्राप्त हुआ है,प्रदान करने की आपकी हार्दिक सद्भावना के लिए धन्यवाद देता हूं। यह भारत और साइप्रस की स्थायी मैत्री के प्रतीक के रूप में लंबे समय तक महत्वपूर्ण बना रहेगा।
मैं, राष्ट्रपति महोदय आपको और आपके शिष्टमंडल के सदस्यों को भारत की अत्यधिक सफल यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
देवियो और सज्जनो,इन्हीं शब्दों के साथ, आइए हम सब मिलकर:
- साइप्रस गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति अनास्तासीदेस के स्वास्थ्य और कुशलता;
- साइप्रस की जनता की निरंतर प्रगति और समृद्धि;और
- भारत और साइप्रस की स्थाई मैत्री की कामना करें।