होम >> अभिभाषण >> अभिभाषण विस्तार

खादी चिह्न के लोकार्पण के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

विज्ञान भवन, नई दिल्ली : 30.09.2013



खादी चिह्न के लाकार्पण के इस शुभ अवसर मेरे लिए यहां पर उपस्थित होना एक सम्मान की बात है। आरंभ में मैं, सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम मंत्रालय तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग को खादी को वह खास पहचान दिलाने के लिए एक प्रमुख कदम उठाने के लिए बधाई देना चाहूंगा जिसकी वह सच्ची हकदार है। यह सामयिक पहल, खादी सेक्टर की विकास क्षमता का पूर्ण उपयोग करने में सहायता करेगी।

देवियो और सज्जनो,

2. ‘खादी’ शब्द का प्रत्येक भारतीय के साथ एक गहरा भावनात्मक संबंध है। इसे हमारे राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण में प्रयोग होने वाला अकेला कपड़ा होने का गौरव प्राप्त है। यह राष्ट्रीय सम्मान की भावना जगाता है। यह हमारी राष्ट्रीय विरासत का सबसे मूल्यवान योगदानकर्ता है। खादी का इतिहास अत्यंत शानदार है। यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम का पर्याय है। आत्मनिर्भरता के प्रतीक तथा ग्रामीण क्षेत्र के पुन: सशक्तीकरण के विश्वसनीय उपकरण, दोनों ही रूपों में, खादी हमें तत्काल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ इसके प्रगाढ़ संबंध की याद दिलाती है। बापू खादी को जनता में राष्ट्रवाद जगाने तथा सम्मानजनक जीवन जीने की प्रेरणा देने के माध्यम के रूप में देखते थे। उन्होंने कहा था, ‘चर्खे की कताई मेरे लिए जनता की उम्मीदों का प्रतिनिधित्व करती है। मैं यह महसूस करता हूं कि घूमते हुए चर्खे में हमारे जीवन को सच्चाई, पवित्रता तथा शांति से परिपूर्ण करने के लिए तथा सेवा की भावना भरने के लिए सभी सद्गुण मौजूद है।’

3. वर्षों के दौरान, खादी ने दस लाख से अधिक कारीगर परिवारों में अभावों तथा पिछड़ेपन से उभरने की उम्मीद जगाई है। यह आज भी ग्रामीण भारत के विकास का एक महत्वपूर्ण साधन बना हुआ है। यह हमारे देश में बहुत से व्यक्तियों की जीवन शैली बनी हुई है। इस समय मौजूद 10.45 लाख खादी कारीगरों में से सत्तर प्रतिशत महिलाएं हैं। जो लोग अभी खादी को एक सख्तजान, छोटे पैमाने के व्यवसाय की नजर से देखते हैं, उनके लिए यहां बहुत संभावनाएं हैं। खादी अपनी हाथ की कताई, हाथ की बुनाई के कारण ऐसा कपड़ा है जो हवादार होता है। यह एक प्राकृतिक कपड़ा है, जिसे इसकी पर्यावरण अनुकूलता के कारण प्रसिद्धि मिली है। खादी में अत्यंत कम पूंजी के साथ कारीगरों के घरों में ही रोजगार सृजन करने की अनोखी क्षमता है।

देवियो और सज्जनो,

4. खादी उद्योग में असीमित क्षमताएं हैं। इसे विकसित हाने के लिए केवल अनुकूल माहौल की जरूरत है। मुझे खुशी है कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा बहुत सी स्कीमों और कार्यक्रमों के माध्यम से इस सेक्टर को फिर से सशक्त करने के प्रयास किए गए हैं। खादी सेक्टर में सुधारों की जरूरत समझते हुए, खादी सुधार विकास कार्यक्रम के तहत एशियाई विकास बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त की गई है। इन सुधार उपायों में व्यावसायिक विपणन तथा खादी चिह्न की शुरुआत भी शामिल है।

5. मेरे विचार से खादी का चिह्न एक नवीन पहल है। यह खादी के उत्पादों की गुणवत्ता तथा शुद्धता को इंगित करेगा। यह इसे घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय कपड़ा बाजारों में अपना स्थान बनाने तथा ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए खास पहचान प्रदान करेगा। मुझे बताया गया है कि खादी चिह्न विनियम 2013 द्वारा इसका प्रयोग उन सभी संस्थाओं एवं व्यक्तियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है, जो खादी के उत्पादन तथा बिक्री में लगे हुए हैं। खादी चिह्न का लोगो खादी की पवित्रता तथा शुद्धता का प्रतीक है। चक्र ‘चर्खे’ का प्रतिनिधित्व करता है और ग्रामीण जीवन में बदलाव के माध्यम का चित्रण करता है। मुझे विश्वास है कि खादी का यह चिह्न ग्राहकों को शुद्ध खादी की खरीद करने में और उत्पादकों को अपना जीवन-स्तर सुधारने में सही मायने में लाभदायक सिद्ध होगा। जो लोग खादी के उत्पादन तथा बिक्री में लगे हुए हैं मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे इसका सम्मान करें तथा इस विनियम का पालन करें ताकि हम खादी के गौरव को उँचा बनाए रखें। मैं, आप सभी की अपने प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।

धन्यवाद,

जय हिन्द!